Abu Ibrahim: आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के नेता अबू इब्राहिम अल-हाशिमी अल-कुरैशी अमेरिकी छापे में मारा गया

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द लीडर। सीरिया में अशांति का महौल बना हुआ हैय इसके साथ ही अमेरिकी सेना ने दावा किया है कि, इस्लामिक स्टेट का नेता अबू इब्राहिम मारा गया है. अमेरिकी अधिकारियों ने जानकारी दी है कि, अमेरिकी विशेष बलों द्वारा रात भर की गई छापेमारी में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के नेता की मौत हो गई. अबू इब्राहिम अल-हाशिमी अल-कुरैशी ने देश के उत्तर-पश्चिमी इदलिब प्रांत में अपने परिसर में एक बम विस्फोट करके खुद को खत्म कर लिया. विस्फोट में बच्चों सहित उसके परिवार के सदस्यों की भी मौत हो गई.

उत्तर पश्चिमी सीरिया में अमेरिकी सैन्य बलों ने आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया था. इसमें सीरिया में अमेरिकी सेना ने रेड की और ISIS के नेता को मार गिराया. एक रिपोर्ट के अनुसार, ये रेड टर्की बॉर्डर के पास Atmeh में एक तीन मंजिला इमारत में की गई थी, जिसमें अबु इब्राहिम मारा गया. बताया जाता है कि वो इस बिल्डिंग के दूसरे फ्लोर में अपने परिवार के साथ रहता था.

बगदादी के बाद बना था आईएस चीफ

अबु इब्राहिम अल-हाशिमी अल-कुरैशी साल 2019 में आईएसआईएस का चीफ बना था. उसे अबु बक्र अल बगदादी की मौत के बाद ये पद दिया गया था. उस वक्त भी लोगों को इस नाम से काफी हैरानी हुई थी, क्योंकि आईएसआईएस की दुनिया में ये काफी नया नाम था. हालांकि, उस वक्त अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था कि, आईएसआईएस का नया लीडर आ गया है और हम जानते हैं कि वो कौन है. लेकिन, वो काफी नया चेहरा था और इंटरनेट पर उसे लेकर कम जानकारी उपलब्ध थी. इसके बाद भी अबु इब्राहिम अल-हाशिमी अल-कुरैशी सुर्खियों में कम आता था.


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क्या है इसकी कहानी

रिपोर्ट्स के अनुसार, अबु इब्राहिम अल-हाशिमी अल-कुरैशी का जन्म 1976 में हुआ था. बचपन में उसका नाम आमिर मोहम्मद अब्दुल रहमान अल मावली अल सालबी था. लेकिन, आईएसआईएस में आने के बाद उसने अपना नाम बदल लिया. गार्जियन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस लो प्रोफाइल आतंकी अबु इब्राहिम ने यज़ीदियों के नरसंहार में प्रमुख भूमिका निभाई थी, जिसमें कई लोग मारे गए थे और कई लड़कियों को गुलाम बनाया गया था.

साथ ही बताया जाता है कि वो साल 2014 के मध्य में मोसुल को उखाड़ फेंकने की साजिश में भी शामिल था और साथ ही इसका नाम शिया नागरिकों के नरसंहार में भी इसका नाम आता है. इसके अलावा ये सद्दाम हुसैन की सेना में ऑफिर रहा है और इसका आतंक से गहरा संबंध है. कुरैशी इराक में अल कायदा के साथ रिलिजियस स्कोलर भी था और साल 2014 में यजीदियों पर हुए अत्याचार में इसकी भूमिका थी.

इस्लामिक स्टेट में एकाएक नेता के रूप में उभरा अल-कुरैशी

रिपोर्ट बताती है कि, अल-कुरैशी ने उच्च शिक्षा ग्रहण की थी और वह इस्लामिक स्टेट में एकाएक नेता के रूप में उभरा. अल-कुरैशी के दावे के अनुसार वह 2007 में मोसुल विश्वविद्यालय से कुरान की पढ़ाई में मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद समूह में शामिल हुआ था. शामिल होने के तुरंत बाद, अल-कुरैशी मोसुल में समूह का शरिया सलाहकार बन गया. यह संगठन का एक प्रमुख धार्मिक पद है. बाद में 2008 की शुरुआत में पकड़े जाने से पहले वह शहर का डिप्टी ‘‘वली’’ या छाया गवर्नर बन चुका था.

पूछताछ रिपोर्टों से पता चलता है कि, अल-कुरैशी ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक उस समय संगठन को इसी नाम से जाना जाता था. कम से कम 20 कथित सदस्यों के नामों का खुलासा किया. उसका विश्वासघात ऐसे समय में आया जब समूह के सदस्यों को अमेरिकी और गठबंधन सेना द्वारा बड़ी संख्या में मारा या पकड़ा जा रहा था.


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अल-कुरैशी की रिहाई के बाद अगले दशक की उसकी गतिविधियों के बारे में अपेक्षाकृत कम जानकारी है. लेकिन उसने कथित तौर पर इस्लामिक स्टेट समूह के इराक के अल्पसंख्यक यज़ीदियों के नरसंहार के प्रयास की देखरेख की और कम से कम 2018 के बाद से अल-बगदादी के डिप्टी के रूप में कार्य किया. ‘‘खलीफा’’ में उसका उदय जिहादी हलकों में विवादास्पद था, नेता बनने के बाद उसके पूछताछ रिकॉर्ड जारी होने से कुछ खास फर्क नहीं पड़ा.

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने लाइव देखा ऑपरेशन

जानकारी के मुताबिक, उत्तरी सीरिया में किए गए इस ऑपरेशन को 24 अमेरिकी कमांडो ने अंजाम दिया. सभी हेलिकॉप्टर से यहां पहुंचे थे. इस दौरान ड्रोन्स का भी इस्तेमाल किया गया. पूरे ऑपरेशन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने लाइव देखा. बता दें कि ऐसा ही ऑपरेशन 2019 में किया गया था. इसमें ISIS का सरगना अबू बकर अल बगदादी मारा गया था.

विस्फोट में मारे गए 13 लोग

अमेरिका की स्पेशल फोर्स का गुरुवार को सीरिया में निशाना चूक गया। आतंकवाद निरोधी अभियान के तहत छापेमारी में एक अलकायदा से जुड़े आतंकी को निशाना बनाया, लेकिन मारे गए 13 लोग, जिसमें छह बच्चे और चार महिलाएं भी थीं। इस कार्रवाई के बाद पेंटागन ने कहा कि उत्तर पश्चिमी सीरिया में किया गया छापा सफल रहा। सीरियाई बचावकर्मियों ने कहा कि अमेरिकी दस्ते की छापेमारी तुर्की सीमा के पास अतमेह इलाके में एक घर को निशाना बनाकर की गई।


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