उत्तराखंड में बर्फबारी से चुनावी प्रक्रिया में खलल : कई पोलिंग पार्टियां फंसी, प्रशासन ने वापस बुलाया

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द लीडर। एक तरफ जहां चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। तो वहीं दूसरी ओर मौसम का मिजाज बदला हुआ है। उत्तराखंड में भारी बारिश और बर्फबारी से चुनाव प्रक्रिया में खलल पड़ा है। प्रदेशभर में 19 पोलिंग पार्टियां बर्फबारी के चलते अपने गंतव्य तक पहुंचने में दिक्कतें हो रही है।

गढ़वाल मंडल के चमोली जिले में नौ पोलिंग पार्टियां और रुद्रप्रयाग जिले में दो पोलिंग पार्टियां बर्फबारी में फंस गई। उधर, कुमाऊं मंडल के चंपावत जिले में चार पोलिंग पार्टियां बर्फबारी में फंसी रही। जिला प्रशासन ने इनको वापस बुलाया है। इन पार्टियों को पांच फरवरी के बाद दोबारा मतदान के लिए भेजा जाएगा।

बर्फबारी के चलते फंसी पोलिंग पार्टियां

दिव्यांग और 80 वर्ष से अधिक के वरिष्ठ मतदाताओं की पोस्टल बैलेट से घरपर हो मतदान कराने की व्यवस्था है। इसके लिए ये पोलिंग पार्टियां अपने गंतव्य के लिए निकली थीं। रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में पार्टी नंबर-14 (त्रिजुगीनारायण की पोलिंग पार्टी) बर्फबारी के चलते रास्ते में फंस गई।


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जबकि रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में पोलिंग पार्टी नंबर-एक (चंद्रनगर की पोलिंग पार्टी) भी बर्फबारी के चलते फंसी है। पोस्टल बैलेट के नोडल अधिकारी व जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि, बर्फबारी में फंसी टीमों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रशासन ने पोलिंग पार्टियों को वापस बुलाया

वहीं चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि, चमोली जिले में बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं के लिए घरों में ही मतदान कराने को गैरसैंण क्षेत्र में भेजी गई आठ पोलिंग पार्टियां कर्णप्रयाग-गैरसैंण हाईवे पर दिवालीखाल में बर्फबारी के बीच फंसी हुई हैं। जबकि एक पोलिंग पार्टी वापस आते हुए बर्फबारी के कारण फंसी हुई है। इन पोलिंग पार्टियों को प्रशासन ने वापस बुलाया है, लेकिन 10 किलोमीटर क्षेत्र में बर्फ से सड़क मार्ग पूरी तरह से बंद है। इस कारण यहां वाहनों का आवागमन अवरुद्ध है।

हिमपात से रास्ते बंद, पर्यटक फंसे

उत्तराखंड में बारिश और भारी बर्फबारी से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। कुमाऊं मंडल के नैनीताल, अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौराढ़ और बागेश्वर में हिमपात से कई रास्ते बंद हो गए हैं। रास्तों पर पर्यटक, पोलिंग पार्टियां, दैनिक जरूरतों के सामान लेकर जाने वाले वाहन और स्थानीय नागरिक फंसे हैं। प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें लोगों की मदद में जुट गई हैं। जगह-जगह जेसीबी लगाकर बर्फ हटाया जा रहा है।

अल्मोड़ा जिला मुख्यालय को जोड़ने वाले 11 मार्ग बंद हैं। पिथौरागढ़ के थल-मुनस्यारी समेत चार मार्ग, नैनीताल का एक मार्ग और चंपावत जिले में तीन स्टेट हाइवे समेत आठ मार्ग बंद हैं।


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उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री व यमुनोत्री धाम सहित सम्पूर्ण ऊंचाई वाले इलाकों में देर रात से जमकर बर्फबारी जारी रही। जिले के निचले इलाकों में बारिश हुई। इससे पूरी गंगा व यमुना घाटी शीतलहर की चपेट में आ गई। लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं।

होटल व्यवसायियों के चेहरे खिले

पहाड़ों की रानी मसूरी में बर्फबारी से स्थानीय व्यापारियों और होटल व्यवसायियों के चेहरे खिल गए हैं। मसूरी पहुंचे पर्यटक बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। मसूरी और मसूरी के आसपास धनौल्टी, बुरांसखंडा, परिटिब्बा और सुरकंडा देवी आदि जगहों पर जमकर बर्फबारी हुई, जिससे लोग काफी खुश हैं।

मसूरी शहर के लोगों की मानें तो बर्फबारी होने से एक बार फिर उम्मीद जागी है कि मसूरी में पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलेगी और लोगों की आमदनी में भी बढोत्तरी होगी।


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