सपा प्रमुख अखिलेश यादव बोले, नहीं लगवाऊंगा भाजपा की कोरोना वैक्सीन

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द लीडर : जो कोरोना संक्रमण (Corona Virus) पिछले एक साल से दुनिया भर में उथल-पुथल मचाए है. जिसका खौफनाक मंजर, हम सब देख और भोग चुके हैं. गुजरे साल का हर लम्हा इस दुआ-प्रार्थना में बीता कि किसी तरह वैक्सीन ईजाद हो जाए. और समूची इंसानियत के लिए आफत बने इस कोरोना संक्रमण का नाश हो सके. (Akhilesh BJP Corona Vaccine)

अब, जब कोरोना की वैक्सीन लगभग तैयार है. भारत में जनवरी के अंत तक टीकाकरण की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. तब ये वैक्सीन धार्मिक और राजनीतिक संक्रमण का शिकार बनने लगी है. शुक्रवार को उत्तर प्रदेश (UP) के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief-Minister )और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के एक बयान ने वैक्सीन विरोधी हवा को और तेज कर दिया है.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘अभी मैं वैक्सीन नहीं लगवाऊंगा. भाजपा की वैक्सीन पर कैसे मैं भरोसा कर सकता हूं, जब हमारी सरकार आएगी, तब सभी को मुफ्ती में टीके लगवाए जाएंगे. मैं भाजपा की वैक्सीन नहीं ले सकता. ‘ अखिलेश के इस बयान पर भाजपा ने उन्हें आड़े हाथों लिया है.

राज्य के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने ट्वीट किया, ‘अखिलेश यादव जी को वैक्सीन पर भरोसा नहीं है और उत्तर प्रदेशवासियों को अखिलेश यादव पर भरोसा नहीं है. अखिलेश जी का वैक्सीन पर सवाल उठाना, हमारे देश के चिकित्सकों और वैज्ञानिकों का अपमान है. जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए.’

वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट किया, ‘भ्रष्टाचार और गुंडाराज के खात्मे के लिए भाजपा की वैक्सीन कारगर साबित हुई. आप कौनसी वैक्सीन की बात कर रहे हैं, अखिलेश जी?’

 


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यूएई काउंसिल ने जारी किया था फतवा

बीते दिसंबर माह के आखिर से ही वैक्सीन को लेकर विवाद छिड़ा है. खाड़ी देशों में जब वैक्सीन के हलाल और हराम को लेकर बहस छिड़ी. तब संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की फतवा काउंसिल ने इस पर फतवा दिया.

इसमें कहा गया कि अगर वैक्सीन में गैर हलाल चीजें भी शामिल हैं, तो भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. काउंसिल के चेयरमैन शेख अब्दुल्लाह बिन हयात के हवाले से बाकायदा बयान जारी हुआ. जिसमें पोर्क जिलेटिन को फूड न मानकर दवा मानते हुए इसका उपयोज जायज बताया गया है.

खाड़ी के बाद ये विवाद भारत पहुंचा. कुछ धार्मिक संगठन और उलेमाओं ने पोर्क जिलेटिन के कारण कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर चिंता जिताई. इस बीच आजमगढ़ के जामिया अशरफिया विश्वविद्यालय के मुफ्ती बद-ए-आलम मिस्बाही के हवाले से जारी एक फतवे में वैक्सीन के उपयोग को जायज बताया जा चुका है.

हालांकि अन्य उलेमाओं ने ये स्पष्ट किया कि जब वैक्सीन आ जाएगी और ये साफ हो जाएगा कि इसमें पोर्क जिलेटिन है या नहीं, तब इस पर फैसला किया जाएगा.

वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय वैक्सीन अभियान की तैयारी में जुटा है. स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन सिंह शनिवार को दिल्ली के जीटीबी अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने कहा कि जल्द ही टीकाकरण की तारीख का ऐलान किया जाएगा.


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