The Leader. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बाग़ची ने बीसीसी की पीएम मोदी के राजनीतिक जीवन पर आधारित डाक्यूमेंट्री को प्रोपोगंडा पीस बताया है. कहा है कि इसे एक व्यक्ति विशेष की ग़लत छवि गढ़ने के लिए तैयार किया गया है. यह पूर्वाग्रह से प्रेरित और इसमें निष्पक्षता का स्पष्ट कमी है. बीबीसी और उन व्यक्तियों का प्रतिबिंब है, उस नरैटिव को आगे बढ़ा रहे हैं, जिसे पहले ही ख़िरज किया जा चुका है. ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने भी पाकिस्तान मूल के ब्रिटिश सांसद इमरान हुसैन के यह मामला संसद उठाने पर जवाब देते हुए कहा कि पीएम मोदी के इस चरित्रीकरण से बिल्कुल सहमत नहीं हूं. ब्रिटेन सरकार का रुख़ इस विषय में लंबे समय से साफ़ है और अब भी नहीं बदला.
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डाक्यूमेंट्री को लेकर हो रही आलोचना के बीच बीबीसी प्रवक्ता का बयान भी सामने आया है. जिसमें वो कह रहे हैं कि बीबीसी दुनियाभर के अहम मुद्दों पर प्रकाश डालने को प्रतिबद्ध है. ये डॉक्यूमेंट्री भारत के बहुसंख्यक हिंदुओं और अल्पसंख्यक मुसलमानों के बीच तनाव की पड़ताल करती है और इसी तनाव के मद्देनज़र प्रधानमंत्री मोदी की राजनीति पर नज़र डालती है. बीबीसी की यह डाक्यूमेंट्री दो पार्ट में है, जिसका टाइटिल है -इंडिया: द मोदी क्वेश्चन. डाक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड गुज़री 17 जनवरी को ब्रिटेन में प्रसारित हुआ था. अगला 24 जनवरी को प्रसारित करने की तैयारी है.
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ख़ैर डाक्यूमेंट्री को लेकर जिस तरह से भारत सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया आई है और ब्रिटेन में भारतीय मूल के लोगों ने आगे आकर नाराज़गी जताई है. कहा है कि बीबीसी ने एक अरब भारतीयों के दिल को ठेंस पहुंचाई है. इस बीच यह भी कहा जा रहा है कि विरोध को देखते हुए चुनिंदा मंचों से हटा लिया गया है. बीबीसी ने यह डाक्यूमेंट्री ब्रिटिश विदेश विभाग की अप्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर है, जो 2002 में गुजरात दंगों के बाद तैयार कराई गई थी.
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