धड़कनें तेज़ कर देने वाले मैच में न्यूज़ीलैंड के जबड़ों से जीत छीन लाए मुहम्मद सिराज

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The Leader. क्या शानदार मैच था. मज़ा आ गया. पहले शुभमन गिल का वर्ल्ड रिकॉर्ड वनडे में दोहरा शतक. उसके बाद न्यूज़ीलैंड को मैच में वापस लाने वाली माइकल ब्रेसवेल की लाजवाब पारी. अकेले दम पर भारत को भारत में ही लोहे के चने चबवा दिए. तब जब हार सामने थी, मुहम्मद सिराज ने खाते के आख़िरी यानी दसवें ओवर में दो विकेट निकालकर भारत को जीत की दहलीज़ पर खड़ा कर दिया. हार्दिक पांड्या सातवें ओवर में ख़ूब पिटे लेकिन एक विकेट निकालकर जीत की उम्मीदों को ज़िंदा रखा. मैच 50 ओवर तक गया. शर्दुल ठाकुर ने इस ओवर की दूसरी गेंद पर माइकल ब्रेसवेल की बेहद शानदार पारी का अंत करते हुए भारत को 12 रन से जीत दिला दी.


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पंजाबी पुत्तर शुभमन गिल की जितनी तारीफ़ की जाए कम है. सबसे कम उम्र में वनडे का दोहरा शतक लगाकर गिल ने बता दिया कि वो भारतीय क्रिकेट का सुनहरा भविष्य है. 149 गेंदों का सामना करते हुए गिल ने 9 छक्के और 19 चौकों की मदद से 208 रन की यादगार पारी खेली. उनकी इस पारी की तरह ही भारत का न्यूज़ीलैंड से पहला वनडे भी यादगार हो गया. हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम और टीवी पर मैच देख रहे लोग गिल और उनकी पारी के मुरीद हो गए. वो गिल ही थे, जिनकी बदौलत भारत 350 रन का मज़बूत लक्ष्य न्यूज़ीलैंड को दे सका. उन्हें छोड़कर रोहित और कोहली जैसे नामी बल्लेबाज़ पिच पर टिक नहीं पाए.


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तब जब भारतीय गेंदबाज़ न्यूज़ीलैंड के 131 रन पर छह विकेट निकालकर जश्न मना रहे थे, माइकल ब्रेसवेल ने पिच पर खूंटा गाड़ दिया. एक मुहम्मद सिराज को छोड़कर ब्रेसवेल ने सभी गेंदबाज़ों को ख़ूब कूटा 10 छक्कों और 12 चौकों की बदौलत 78 गेंदों पर ही 140 रन ठोंक दिए. उनका औसत रहा 179.49. मुहम्मद सिराज ने एक बार फिर बेहतरीन गेंदबाज़ी की. अपने दसवें ओवर में पहले 57 रन पर खेल रहे मिशेल सेंटनर को सूर्यकुमार यादव के हाथों कैच कराया और फिर उनका स्थान लेने हेनरी शिपले को बोल्ड कर दिया. सिराज के इस ओवर की बदौलत मैच का पल्ला एक बार फिर भारत के हक़ में झुक गया. सिराज ने भारक की तरफ से सबसे किफ़ायती गेंदबाज़ी करते हुए 10 ओवर में 46 रन देकर 4 विकेट हासिल किए.दो मेडन ओवर फेंके. भारत ने धड़कनें बढ़ाने वाले इस मैच की बदौलत न्यूज़ीलैंड को चार साल बाद हराया है. दोहरे शतक के लिए गिल को मैन ऑफ द मैच चुना गया.


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