लगभग 42 करोड़ की आबादी वाली अरब दुनिया में जहां कई देश तरक्की की छलांग लगा रहे हैं, अमीर आबादी मोटापा बढ़ा रही है, वहीं आबादी का एक तिहाई हिस्सा भुखमरी से जूझ रहा है। गुरुवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने यह दावा किया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2019 और 2020 के बीच अरब दुनिया में कुपोषितों की संख्या 48 लाख से बढ़कर 6 करोड़ 90 लाख हो गई, जो लगभग 16 प्रतिशत आबादी है। (Arabic Muslims)
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह हालात “लंबे समय तक संकट, सामाजिक अशांति और संघर्ष, गरीबी, असमानता, जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधनों की कमी और हाल ही में COVID-19 महामारी से जुड़े आर्थिक नतीजों जैसे कई झटकों और तनावों से पैदा हुए हैं”।
एफएओ ने कहा, “संघर्ष प्रभावित और गैर-संघर्ष वाले देशों में, सभी इनकम लेवल के लोगों में खानपान के स्तर में मामूली तरक्की हुई।” “लगभग 14 करोड़ 10 लाख लोगों के पास 2020 में भरपूर खाना हासिल करने की स्थिति नहीं थी। साल 2019 के बाद से इस तरह की आबादी में 1 करोड़ लोगों का इजाफा हुआ।”
कुपोषित लोगों की इस आबादी में 48 लाख लोगों की बढ़ोत्तरी का एक और बड़ा झटका COVID-19 महामारी ने दे दिया। (Arabic Muslims)
मध्यपूर्व और उत्तरी अफ्रीका के लिए एफएओ के सहायक महानिदेशक व क्षेत्रीय प्रतिनिधि अब्दुल हकीम एलवार ने कहा, “युद्ध इस क्षेत्र में भूख के प्रमुख कारणों में से एक है, लगभग 5 करोड़ 34 लाख लोग संघर्ष से प्रभावित देशों में भूख का सामना कर रहे हैं, जो गैर-संघर्ष वाले देशों की तुलना में छह गुना ज्यादा है।”
एलवार ने कहा, “इस साल स्थिति में कोई सुधार नहीं होने के आसार नहीं दिख रहे, क्योंकि भुखमरी हाेने की प्रमुख वजह अभी इस स्थिति को और नीचे खींचती दिखाई दे रही है।”
रिपोर्ट के अनुसार, सालभर में युद्ध से सबसे ज्यादा प्रभावित देश सोमालिया और यमन रहे, जिसमें लगभग 60 प्रतिशत सोमालियाई भूखे रहे और 45 प्रतिशत से अधिक यमनी निवाले को तरसे। (Arabic Muslims)
“यमन में 2020 में खून की कमी यानी एनीमिया का सबसे ज्यादा असर देखा गया, जो प्रजनन आयु की 61.5 प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित करता है।”
एफएओ ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में अरब दुनिया में भुखमरी में 91.1 फीसद बढ़ोत्तरी हुई है।
दूसरी ओर, अमीर अरब राज्यों में वयस्क मोटापा भी बढ़ा है। (Arabic Muslims)
अरब क्षेत्र की अमीर आबादी में इसी दरम्यान 28.8 प्रतिशत वयस्क आबादी मोटापे से ग्रस्त थी, यानी वैश्विक औसत 13.1 प्रतिशत के दोगुने से भी ज्यादा।
Source: Agencies
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