जहाज़ों के फँसने से हज़ारों जानवरों का जीवन संकट में
काहिरा: स्वेज नहर में जापान के मालवाहक जहाज फंसने का असर पूरी दुनिया के व्यापार पर ही नहीं बल्कि जानवरों के जीवन पर भी पड़ने लगा है। जाम मैं फ़ंसे 10 से ज़्यादा जहाज़ों पर हज़ारों की तादाद में जानवर लदे हुए हैं। इस जहाज को फंसे हुए 4 दिन हो चुके हैं लेकिन अब तक उसे सीधा नहीं किया जा सका है.
इन जानवरों में ज़्यादातर भेड़ें हैं और इन्हें यूरोपीय देशों से साऊदी अरब भेजा जाता है।
जहाज़ों में आमतौर पर जानवरों के लिए तीन चार दिनों का अतिरिक्त भोजन और पानी रखा जाता है। अगर यह जहाज़ जल्दी नहीं निकाला जा सका तो जानवरों के लिए गम्भीर संकट पैदा हो जाएगा।
दूसरी ओर इस ब्लॉकेज का असर भारतीय व्यापार पर भी पड़ रहा है. भारत सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए कार्य योजना बनाई है. दूसरे देशों से आयात-निर्यात में लगे भारतीय मालवाहक जहाजों को स्वेज नहर के जाम से बचने के लिए केप ऑफ गुड होप से जाने की सलाह दी जा रही है. भारत सरकार ने यह योजना शुक्रवार को एक हाई लेवल मीटिंग के बाद बनाई. इस मीटिंग में वाणिज्य मंत्रालय के लॉजिस्टिक विभाग के अफसर और कई अन्य लोग शामिल हुए. इस बैठक में दूरी बढ़ने पर माल भाड़ा दरों में बढ़ोतरी, कार्गो की प्राथमिकता और नए रूट के बारे में चर्चा की गई.
ग्लोबल ट्रेड पर पड़ रहा है असर
स्वेज नहर की यह रुकावट अब ग्लोबल ट्रेड को बुरी तरह प्रभावित कर रही है. वाणिज्य- उद्योग मंत्रालय के मुताबिक भारत इस नहर के जरिए उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और यूरोप से 200 बिलियन अमरीकी डालर के सामान का आयात-निर्यात करता है. इस ट्रेड में पेट्रोलियम सामान, कार्बनिक रसायन, लोहा, इस्पात, ऑटोमोबाइल, मशीनरी, कपड़ा, कालीन, हस्तशिल्प सहित फर्नीचर, चमड़े का सामान आदि शामिल हैं. स्वेज नहर संकट के कारण अब इस व्यापार में दिक्कत आ रही है.