मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड में छाया माॅनसून, जानिए देशभर के मौसम का हाल

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द लीडर हिंदी, नई दिल्ली | मौसम विभाग ने 5 अगस्त तक मध्य प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश होने की भविष्यवाणी की है. पश्चिमी मध्य प्रदेश में आज बहुत भारी बारिश की संभावना है. वहीं राजस्थान के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है.

पूर्वी राजस्थान में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है. पश्चिमी राजस्थान में छिटपुट भारी से बहुत भारी बारिश के साथ छिटपुट बारिश होने की भी संभावना है.

उत्तर भारत के बाकी हिस्सों में व्यापक रूप से बारिश का वर्तमान दौर जारी रहने की संभावना है. आज उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है.

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आईएमडी ने कहा, अगले 3-4 के दौरान प्रायद्वीपीय भारत और इससे सटे पूर्वी मध्य भारत, महाराष्ट्र और गुजरात राज्य में कम बारिश की गतिविधि जारी रहने की संभावना है. 1 से 5 अगस्त के दौरान हरियाणा और 2 से 4 अगस्त के दौरान हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है.

आज का मौसम पूर्वानुमान

  • मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों और पूर्वी राजस्थान में मध्यम से भारी बारिश संभव है.
  • उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी हो सकती है.
  • बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और कोंकण और गोवा के कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.

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  • जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, तटीय कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप में हल्की बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है.
  • गुजरात, आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश संभव है.

दिल्ली में लू और बारिश ने तोड़े रिकॉर्ड

दिल्ली के लिए जुलाई का महीना मौसम की दृष्टि से बहुत ही अजीबोगरीब रहा क्योंकि इस महीने में पांच दिन लू चली, जो 2012 के बाद से अधिकतम है. इसके अलावा मानसून भी दो सप्ताह की देरी से आया, जो असामान्य है और लगभग दो दशकों के रिकॉर्ड को तोड़ने वाली मूसलाधार बारिश हुई. राष्ट्रीय राजधानी में इस महीने की शुरुआत प्रचंड गर्मी से हुई. लगातार तीन दिन- एक, दो और तीन जुलाई को लू चली.

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जुलाई के लिए औसत अधिकतम तापमान 36.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि दीर्घावधि औसत 35.5 डिग्री सेल्सियस था. मौसम विभाग के लिए मानसून के राजधानी में पहुंचने को लेकर सटीक पूर्वानुमान लगाना मुश्किल हो गया था.

दिल्ली में 13 जुलाई को मानसून ने दस्तक दिया, जो 19 सालों में सबसे अधिक विलंब से पहुंचने वाला मानसून बन गया. इतनी देर से मानसून के पहुंचने के बावजूद राजधानी में इस महीने में 16 बरसात के दिन दर्ज किए गए, जो पिछले चार सालों में सबसे अधिक है. मानसून के शहर में पहुंचने से पहले तीन दिन बारिश हुई थी.

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