द लीडर | मणिपुर के विधानसभा चुनाव में 11 बजे तक 28 फीसदी मतदान हुआ। इसी बीच अलग-अलग इलाकों में हिंसा भी हुई। बीजेपी से कुछ दिनों पहले निष्कासित किए गए नेता के घर पर बम फेंका गया तो वहीं दूसरी तरफ एक बस पर हमला किया गया। बस कुछ वोटर्स को लेकर वोटिंग सेंटर की तरफ जा रही थी। इन घटनाओं में दो लोगों की मौत होने की सूचना है।
बीजेपी नेता के घर पर फेंका गया बम
इंफाल पश्चिम जिले के लाम्फेल इलाके में कुछ अज्ञात बदमाशों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित नेता सी बिजॉय के आवास पर देसी बम फेंका। पुलिस ने बताया कि यह घटना राज्य में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान शुरू होने से कुछ घंटे पहले शुक्रवार रात की है।
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पहले चरण में एक घायल
वहीं मणिपुर की 38 विधानसभा सीटों के लिए पहले चरण के मतदान में सोमवार को हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुई थी।पुलिस अधिकारियों ने कहा कि चुराचांदपुर जिले में दो प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प में कम से कम एक व्यक्ति घायल हो गया। सिंघत में कुछ लोगों द्वारा एक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिसे बाद में बदल दिया गया।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इंफाल पश्चिम जिले के लंगथबल निर्वाचन क्षेत्र के काकवा क्षेत्र में एक बीजेपी मतदान केंद्र को कथित रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया, जबकि केइराव सीट पर प्रतिद्वंद्वी समूह के सदस्यों द्वारा नेशनल पीपुल्स पार्टी के एक उम्मीदवार के वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया, हालांकि इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि फुनाल मरिंग मतदान केंद्र पर कुछ बदमाशों द्वारा फायरिंग की घटना हुई है।
पुलिस कर रही है जांच
अनुशासन के आधार पर पिछले महीने भगवा पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किए गए बिजॉय ने संवाददाताओं से कहा कि हमला मुझे राजनीतिक रूप से चुप कराने के लिए खतरा हो सकता है। वहीं पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
इस बार त्रिकोणीय है मामला
इस बीच आपको बता दें कि मणिपुर में विधानसभा चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण के लिए 10 जिलों की 22 सीटों पर आज वोटिंग हो रही है। इस वोटिंग में 92 उम्मीदवारों के लिये मतदान हो रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक सुबह 11 बजे तक 28.20 फीसदी मतदान हुआ है जोकि 2017 की तुलना में 16.80 फीसदी कम है। राज्य के बाहरी सर्किट पर स्थित जिले लंबे समय से नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) और कांग्रेस के गढ़ रहे हैं ऐसे में इस बार देखना दिलचस्प होगा कि इन जगहों पर सत्तारुढ़ पार्टी बीजेपी को ये दल कितनी चुनौती दे पाते हैं।
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कुल 12 लाख है मतदाता
मणिपुर में कुल 12 लाख 9 हजार 439 मतदाता हैं, जिनमें 6 लाख 28 हजार 657 महिलाएं और 175 ट्रांसजेंडर शामिल हैं। मणिपुर में पहले चरण का विधानसभा चुनाव 28 फरवरी को हुआ था। इसमें 38 सीटों पर वोटिंग हुई थी।
प्रचंड़ बहुमत बनने को लेकर चर्चा
वहीं आज मणिपुर के तीन बार सीएम रह चुके O Ibobi Singh और पूर्व डिप्टी सीएम Gaikhangam Gangmei की किस्मत भी जनता द्वारा तय होने वाली है। दोनों ही नेता कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरे चरण में थौबल, चंदेल, उखरूल, सेनापति, तामेंगलोंग और जिरीबाम जिलों में वोटिंग हो रही है और कुल 8.38 लाख वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। सभी पार्टी के प्रत्याशियों की बात करें तो बीजेपी ने 22, कांग्रेस ने 18, NPP के 11, नागा पीपल फ्रंट के 10 उम्मीदवार मैदान में हैं। सभी की तरफ से जीत के बड़े दावे हो रहे हैं, एक बार फिर प्रचंड़ बहुमत वाली सरकार बनाने की बात कही जा रही है।
2017 में क्या थे परिणाम
मणिपुर में इस वक्त भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। 19 मार्च 2022 को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। ऐसे में इससे पहले राज्य में सरकार बनाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। 2017 के चुनाव परिणाम की बात करें तो कांग्रेस 28 सीटों पर जीत के साथ मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और बहुमत से सिर्फ तीन सीट दूर थी। लेकिन उसे सत्ता हासिल नहीं हो सकी। बीजेपी ने 21 सीटें जीतने के बाद नेशनल पीपल्स पार्टी (4), नगा पीपल्स फ्रंट (4), लोजपा (1) और दो अन्य विधायकों के सहयोग से मणिपुर में सरकार बनाई थी। बीजेपी के एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) मुख्यमंत्री बने।