उत्तराखंड : शाम तक सात शव बरामद, सेना के जवान पहुंचे, ग्रामीणों को रेस्कयू के लिए हेलीकॉप्टर तैयार

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Uttarakhand Army Arrived Rescue
उत्तराखंड आपदा में एक मजदूर सुरंग में फंसा था. आइटीबीपी के जवानों ने उसे बाहर निकाला तो मौत से बचकर कुछ अंदाज में खुशी से झूम उठा.

द लीडर : उत्तराखंड के जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूटने से बड़ी तबाही की आशंका है. शाम आठ बजे तक करीब सात मृतकों के शव बरामद किए जा चुके हैं. सेना, आइटीबीपी, एनडीआरएफ की टीमें राहत बचाव के कार्य में जुटी हैं. आपदा में 150 लोग लापता बताए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है.

रविवार की शाम को मुख्यमंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने कहा कि, थल सेना, वायुसेना के हेलीकॉप्टर पहुंच चुके हैं. हमारी पहली प्राथमिकता है कि कम से कम जनहानि हो. इसके लिए युद्धस्तर पर बचाव कार्य चल रहा है. दिल्ली से 60 सदस्यीय एनडीआरएफ का दल भी पहुंच चुका है. कुछ सदस्य सोमवार तक पहुंच जाएंगे.

मुख्यमंत्री के मुताबिक हादसा सुबह करीब 9:30 से दस बजे के बीच का है. करीब 11 बजे मुझे इसकी सूचना मिली. घटनास्थल की जानकारी साझा करते हुए बताया कि ऋषिगंगा रेणु गांव के दो भाग हैं. वहीं पर करीब 13 मेगावाट का ऋषि गंगा पॉवर प्रोजेक्ट है.


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जोकि 2020 में ही स्वीकृत हुआ था. यहां पर 35 लोग काम करते थे. इसमें चार पुलिस के जवान थे. हादसे के वक्त दो अवकाश पर थे. दो पुलिस कर्मी भी लापता हैं. इस प्रोजेक्ट से पांच किलोमीटर की दूरी पर तपोवन है-जहां एनटीपीसी का एक अन्य निर्माणाधीन प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट में काम के लिए करीब 176 मजदूर निकले थे.

वहां दो टनल हैं. एक में 15 लोग थे, जो मोबाइल से संपर्क में आ गए. उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया. जबकि दूसरे टनल में करीब 30 से 35 लोग थे. घटना हुई तो आस-पास के गांवों से शोर मचाने पर उन्हें भी बचाने में सफलता मिली है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहीं एक 250 मीटर लंबी सुरंग है, जिसमें मलबा भरा है. आइटीबीपी के जवान रस्सी के सहारे सुरंग में घुसे हैं. हालांकि अंदर किसी मजदूर से संपर्क नहीं हो सका. इस बीच सेना के लोग भी पहुंच चुके हैं.


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स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पैरामिलिट्री फोर्सेज के साथ राज्य के अधिकारी भी कैंप किए हैं. डीआइजी और कमिश्नर गढ़वाल के साथ मैंने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है.

पुल टूटने से ऋषि गंगा और धौली गंगा करीब 11 गांवों से संपर्क टूट गया है. उस क्षेत्र में कुल 17 गांव हैं. हालांकि आवश्यकता के लिए सेना के हेलीकॉप्टर तैनात हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्री ने फोन पर बात कर हर संभव सहयोग देने की बात कही है.

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