द लीडर : उत्तर प्रदेश जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर पूर्व आइएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह ने राज्य की ब्यूरोक्रेसी पर गहरा तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि, ”जिला पंचायत अध्यक्ष चुनावों में भी स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी होनी चाहिए-DGP,DM SSP आदि.” सूर्य प्रताप का सीधे तौर पर आला अफसरों को निशाने पर लेने का ये बयान ऐसे समय आया है, जब यूपी में एक दिन पहले ही जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव का नामांकन हुआ. और करीब दर्जन भर जिलों में सपा प्रत्याशी अपना पर्चा भी दाखिल नहीं कर पाए. इसे भी पढ़ें – गोरखपुर और बस्ती में नामांकन को पहुंचे सपा नेताओं के साथ मारपीट
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समाजवादी पार्टी पहले से ही सत्तारूढ़ दल पर सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का आरोप लगाती रही है. सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तो यहां तक कह चुके हैं कि ”अब भाजपा नहीं बल्कि जिलों के डीएम और पुलिस कप्तान चुनाव लड़ रहे हैं.” इस चुनाव में सपा सीधे अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्हें कठघरे में खड़ा कर रही है.
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सूर्य प्रताप सिंह पूर्व आइएएस अफसर हैं, जो राज्य सरकार के सबसे कड़े आलोचकों में से एक हैं. पिछले कुछ महीनों में सरकार की आलोचना भरे ट्वीट, पोस्ट और बयानबाजी को लेकर उनके खिलाफ करीब आधा दर्जन मामले दर्ज हो चुके हैं. जो बलिया, कानपुर समेत विभिन्न जिलों में दर्ज किए गए. कुछ मामलों में उन्हें हाईकोर्ट से राहत भी मिल चुकी है. इसके बाद भी यूपी सरकार पर उनका हमलवार रवैया बरकरार है.
गोरखपुर-बस्ती में पुलिस की मौजूदगी में मारपीट
गोरखपुर और बस्ती जिले से शनिवार को नामांकन के दौरान हुए विवाद के वीडियो सामने आए थे. सपा का आरोप है कि भारी पुलिस-बल की मौजूदगी में उसके नेताओं के साथ मारपीट की गई.
पार्टी ने अपने एक बयान में कहा है कि, ”जिला पंचायत अध्यक्ष के नामांकन में शासन-प्रशासन का दुरुपयोग कर सपा उम्मीदवारों का अपहरण कराकर उन्हें सरकार रोक रही है. गाजियाबाद में सपा प्रस्तावक का अपरहण निंदनीय है. डरेंगे नहीं, लड़ेंगे समाजवादी. 2022 में जनता लोकतंत्र की हत्या का हिसाब करेगी.”
इन जिलों में नामांकन नहीं करा पाए सपा नेता
पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बुलंदशहर से भाजपा की डाॅ. अंतुल तेवतिया, मुरादाबाद से डा. शैफाली सिंह, मेरठ से गौरव चौधरी, गाजियाबाद से ममता त्यागी, बलरामपुर से आरती तिवारी, गौतमबुद्ध नगर में अमित चौधरी, मऊ-मनोज राय, गोरखपुर-साधना सिंह, चित्रकूट-अशोक जाटव, झांसी-पवन कुमार गौतम, गोंडा-घनश्याम मिश्र, श्रावस्ती-दद्दन मिश्रा और ललितपुर से कैलाश निरंजन का एक अकेला पर्चा दाखिल हुआ है. यानी इनके खिलाफ सपा या किसी और पार्टी का उम्मीदवार नहीं है. इसलिए इन जिलों में भाजपा का निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बनना तय हो गया है.
नाराज सपा प्रमुख ने 11 जिलों के जिलाध्यक्ष हटाए
जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव, जोकि आगामी विधानसभा चुनाव के लिहाज से काफी अहम है. लेकिन इसमें सपा के उम्मीदवार पर्चा नहीं भर पाए, इस सवाल ने पार्टी को अहसज कर दिया. और नाराज सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गोरखपुर, मुरादाबाद, गौतमबुद्धनगर, मऊ, बलरामपुर, श्रीवास्ती, भदोही, गोंडा झांसी, आगरा, और ललितपुर के जिलाध्यक्षों को तत्काल प्रभाव से उनके पदों से हटा दिया.