द लीडर हिंदी, नई दिल्ली | सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी पेगासस फोन हैकिंग केस में बीजेपी की केंद्र सरकार को घेरा है. उन्होंने ट्वीट कर इस मुद्दे पर बीजेपी और मोदी सरकार को निशाने पर लिया है.
अखिलेश यादव ने ट्वीट में कहा, फ़ोन की जासूसी करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना ‘निजता के अधिकार’ का घोर उल्लंघन है.
अगर ये काम बीजेपी करवा रही है तो ये दंडनीय है और अगर बीजेपी सरकार ये कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है तो ये राष्ट्रीय सुरक्षा पर उसकी नाकामी है फ़ोन-जासूसी एक लोकतांत्रिक अपराध है. पेगासस जासूसी कांड का मुद्दा संसद के मॉनसून सत्र में भी गरमाने के आसार हैं.
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फ़ोन की जासूसी करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना ‘निजता के अधिकार’ का घोर उल्लंघन है। अगर ये काम भाजपा करवा रही है तो ये दंडनीय है और अगर भाजपा सरकार ये कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है तो ये राष्ट्रीय सुरक्षा पर उसकी नाकामी है।
फ़ोन-जासूसी एक लोकतांत्रिक अपराध है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 20, 2021
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सपा के अलावा कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल और अन्य विपक्षी दल भी इस मुद्दे को लेकर सरकार को निशाना बना रहे हैं. वहीं सरकार ऐसे आरोपों को सिरे से खारिज करने में जुटी है. संसद के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन भी इस मुद्दे पर हंगामे के आसार दिखाई दे रहे हैं.
संसद के मानसून सत्र में भी विपक्ष जासूसी कांड के मुद्दे पर संयुक्त रणनीति तैयार कर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है. विपक्ष ने मंगलवार को 10 बजे संसद में बैठक कर साझा रणनीति बनाने का निर्णय किया है.
कांग्रेस, लेफ्ट, टीएमसी समेत कई दलों ने राज्यसभा में कामकाज स्थगित कर नियम 267 के तहत तुरंत पेगासस फोन हैकिंग के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है.
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गौरतलब है कि इजरायली सुरक्षा समूह एनएसओ ने ये पेगासस सॉफ्टवेयर तैयार किया है. इसके जरिये दुनिया भर के तमाम देशों में बड़ी हस्तियों को निशाना बनाए जाने की खबर है.
एक दर्जन से ज्यादा मीडिया संगठनों की पड़ताल में यह खुलासा हुआ है. भारत में द वॉयर इस पड़ताल में शामिल रहा है. एनएसओ समूह का कहना है कि वह जांची पऱखी सरकारों को ही यह सॉफ्वेयर मुहैया कराता है. लेकिन मौजूदा प्रकरण से उसने पल्ला झाड़ लिया है.
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