UP Elections : अखिलेश के नए दांव बढ़ा रहे भाजपा की टेंशन, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने सपा पर साधा निशाना, कही ये बात

द लीडर। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा का चुनाव होना है जिसको लेकर सभी पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। वहीं सपा, बसपा या बीजेपी हर छोटी बड़ी पार्टी जनता को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। सभी पार्टियां एक दूसरे पर भी हमलावर हैं। इसके साथ ही सत्ताधारी पार्टी बीजेपी जनता को अपनी उपलब्धियां गिना रही है। बता दें कि, विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव बीजेपी को उसी के अंदाज में मात देने की कोशिश कर रहे हैं। अखिलेश का हर कदम बीजेपी के कार्यक्रमों को ध्यान में रखकर ही उठाया गया है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, जब अमित शाह ने कैराना की बात की तो अखिलेश ने जिन्ना का मुद्दा उठा दिया जिससे पूरी बहस जिन्ना की तरफ मुड़ गई। अखिलेश अपनी रणनीति के तहत बीजेपी के कार्यक्रमों में रंग में भंग डालने की कोशिश कर रहे हैं और उसी दिन कोई बड़ा धमाका कर रहे हैं जिस दिन बीजेपी का कोई बड़ा कार्यक्रम होने वाला होता है। अखिलेश के नए-नए दावों से योगी के साथ ही पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की टेंशन भी बढ़ रही है।


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बता दें कि, अभी हाल ही में अखिलेश यादव ने समाजवादी इत्र का लोकार्पण किया है। जिसको लेकर बीजेपी अखिलेश यादव पर हमलावर है। उत्तर प्रदेश में साल 2022 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लक्ष्य करते हुए 22 किस्म के प्राकृतिक सुगंधों को मिलाकर समाजवादी पार्टी ने एक ‘समाजवादी इत्र’ लॉन्च किया है और दावा किया है कि, इसकी खुशबू से नफरत की राजनीति समाप्त होगी। अखिलेश यादव ने कहा कि, यह इत्र लगाकर महकते हुए लोग समाजवादी पार्टी और समाजवादी विचारधारा की याद दिलाते जाएंगे। इसका रंग भी लाल-हरा रखा है। लेकिन अब सत्ताधारी पार्टी ने सपा के इत्र और अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा है।

सपा सरकार में अपराध का इत्र खूब महकता था

सपा पर हमला बोलते हुए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि, राज्य में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी तब अपराध का इत्र खूब महकता था और अब यहां की जनता को अपराध वाला इत्र नहीं चाहिये। आगरा में संवादाताओं को संबोधित करते हुये शर्मा ने कहा कि जनता भ्रष्टाचार और भय फैलाने वाले इत्र अब पसंद नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि, जब तक समाजवादी पार्टी की सरकार थी तब तक अपराध चरम पर था और प्रदेश की जनता अब फिर से अपराध नहीं चाहती है और यही कारण है कि 2022 में एक बार फिर से भाजपा की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार का खूब गुणगान किया। दिनेश शर्मा ने कहा कि, आगामी 30 नवम्बर तक प्रदेश में लम्बित योजनाएं पूरी होंगी साथ ही जनता की समस्याओं का अभियान चला कर निस्तारण भी होगा।


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जिन्ना कार्ड से लेकर समाजवादी परफ्यूम तक

चुनाव जितना नजदीक आ रहा है। उतनी है पार्टियों की धड़कने तेज हो रही हैं। वहीं इन दिनों अखिलेश यादव अपने जिन्ना वाले बयान और समाजवादी इत्र को लेकर लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं। जिससे और पार्टियों की टेंशन बढ़ने लगी है। बता दें कि, बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लखनऊ दौरे के दौरान कैराना में पलायन की चर्चा कर अखिलेश सरकार को निशाने पर लिया था। इसके जवाब में अखिलेश यादव ने सेक्युलरिज्म की बात करते हुए जिन्ना की तरफदारी कर दी। जिससे अखिलेश को अच्छी खासी कवरेज भी मिल गई। दूसरी ओर सपा ने कन्नौज के इत्र से बने समाजवादी परफ्यूम की लांचिंग करते हुए उसे चुनाव से जोड़ने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि, इस इत्र से 22 तरह की खुश्बू निकलेगी। यह बताकर अखिलेश ने 2022 में चुनावी चर्चा को और हवा देने का प्रयास किया।

मुख्य एजेंडे में ओबीसी वर्ग

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मणों को लुभाने की कवायद के बाद अब सपा ने गांव गांव जाकर दलितों के बीच कार्यक्रम कर सरकार को बेनकाब करने का प्लान तैयार किया है। सपा के नेताओं का दावा है कि, पार्टी दलितों और अन्य पिछड़े वर्गों को उचित सम्मान और भागीदारी देगी। समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के सभी गांवों में अपने सात-चरण के विशेष दलित आउटरीच कार्यक्रम तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी लोहिया वाहिनी को सौंपी गई है। पार्टी का दावा है कि, इन कार्यक्रमों के माध्यम से वह पार्टी को समाज में एक्सपोज करने का काम करेगी।


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बसपा के दिग्गज नेताओं पर अखिलेश की नजर

बसपा के दिग्गज नेता एक -एक कर पार्टी छोड़ कर सपा से साथ आ रहे हैं। वीर सिंह सरीखे नेताओं का सपा के साथ जुड़ना मायावती के लिए झटका है। वीर सिंह पहले बामसेफ में सक्रिय थे और बसपा के संस्थापक सदस्य थे। तीन बार राज्यसभा सदस्य और प्रदेश महासचिव रहे। महाराष्ट्र प्रभारी के साथ बसपा के कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। उनका सपा में जाना बसपा के लिए बड़ा झटका है। इसके अलावा बसपा छोड़ने वालों की लंबी फेहरिस्त में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव आर एस कुशवाहा, विधानसभा में बसपा के नेता रह चुके लालजी वर्मा शामिल हैं।

BJP-सपा चुनाव को हिंदू-मुसलमान बनाने में जुटी- मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को भाजपा और सपा पर हमला बोलते हुए कहा है कि, दोनों पार्टियां चुनाव को हिंदू-मुसलमान बनाने के लिए जिन्ना के साथ अयोध्या गोली बारी का मुद्दा उठा रही हैं। सपा और भाजपा अंदुरुनी रूप से ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही हैं। दोनों पार्टियों का नेचर जातिवादी और साम्प्रदायिक है। उन्होंने यह भी कहा कि जनता मुझे पांचवी बार मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। मायावती ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में परिवारवाद के मुद्दे पर कहा कि, उनके ऊपर परिवारवाद का आरोप लगाया जाना गलत है। मैं मुख्यमंत्री को बताना चाहती हूं कि, उनकी तरह मेरा भी परिवार नहीं है, लेकिन उनका परिवार केवल आरएसएस है और मेरा परिवार सर्वसमाज है। भाजपा को जनहित और आम जनता की परवाह होती तो हर दिन पेट्रोल व डीजल की कीमतें नहीं बढ़ाती। जनता महंगाई भूलने वाली नहीं है और समय आने पर ब्याज सहित सब वसूलेगी।

बसपा किसी से नहीं करेगी गठबंधन

मायावती ने एक बार फिर साफ किया कि, बसपा किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। बसपा से जाने वालों पर सफाई देते हुए कहा कि, जिसे निकाला गया केवल वही गया उनके साथ कोई कार्यकर्ता नहीं गया। उन्होंने साफ कर दिया कि, उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा और बहुमत आने पर वे ही मुख्यमंत्री बनेंगी। कहा कि, जनता उन्हें एक बार फिर पांचवी बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, कुशीनगर हवाई अड्डा, मेट्रो रेल और जेवर हवाई अड्डा की पूरी रूपरेखा बसपा सरकार में ही बनाई थी। केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अड़चने खड़ी न की होती तो काम शुरू हो जाता।


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indra yadav

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