आला हजरत के उर्स में बवाल मामले में गिरफ्तार मौलाना दानिश जेल से रिहा होकर सीधे दरगाह पहुंचे

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Ala Hazrat Urse Razvi
बरेली के शहामतगंज चौराहे पर उर्से रजवी में जाने को लेकर हुए विवाद के बीच मौलाना दानिश को गिरफ्तार करती पुलिस.

द लीडर : आला हजरत के उर्से रजवी में हुए बवाल मामले में गिरफ्तार मौलाना दानिश जेल से रिहा हो गए हैं. रिहाई मिलते ही वह सीधे दरगाह आला हजरत पहुंचे. हाजिरी लगाई. दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां-सुब्हानी मियां और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां से मुलाकात की. इसके बाद पुराना शहर स्थित अपने घर गए. सोमवार को ही बरेली की अदालत ने उन्हें जमानत दी. (Ala Hazrat Urse Razvi)

 

उत्तर प्रदेश के बरेली में 2 से 4 अक्टूबर तक आला हजरत का उर्से रजवी मनाया गया. जिसमें लाखों जायरीन की भीड़ उमड़ी थी. उर्स के आखिरी दिन यानी कुल के रोज पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाकर मेहमानों को रोका. इसी को लेकर शहामतगंज चौराहे पर बवाल हो गया था. उर्स में न जाने देने से नाराज जायरीन प्रदर्शन करने लगे. इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. पुलिस और जायरीन की इस झड़प में पत्थर भी चल गए.

इस घटनाक्रम में पुलिस ने मौलाना दानिश को गिरफ्तार कर लिया. और सात नामजद समेत 400 से 500 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया. मौलाना दानिश के साथ शोएब, वसीम, जुबैर, नन्हे और फाजिल नामजद किए गए. जिनके खिलाफ आइपीसी की धारा-147, 332, 353, 336, 504, 506 के अंतर्गत कार्रवाई की गई. इसके साथ ही सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा भी लगाई थी. इसको लेकर पुलिस और दरगाह प्रबंधन आमने सामने आ गए.

दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां-सुब्हानी मियां ने प्रशासन को अल्टीमेटम दे दिया कि अगर मौलाना दानिश की रिहा न किया गया और केस वापस नहीं लिए. तो वह खुद गिरफ्तारी देंगे. (Ala Hazrat Urse Razvi)


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बीते शुक्रवार तक का उनका अल्टीमेटम था. उलमा की मीटिंग हुई. और सभी तथ्यों को सामने रखा गया. जिसमें कहा गया कि मौलाना दानिश सोमवार को रिहा हो जाएंगे. शनिवार और रविवार के अवकाश की वजह से दो दिन उन्हें जेल में रहना होगा.(Ala Hazrat Urse Razvi)

सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा खां-अहसन मियां की सदारत में हुई इस मीटिंग में पुलिस-प्रशासन के आश्वासन के आधार पर ये फैसला लिया गया था कि प्रशासन को 22 अक्टूबर तक का वक्त दिया जाए. इस दरम्यान अगर मांगें पूरी नहीं होती हैं तो फिर जेल भरो आंदोलन किया जाएगा.

बरेली में कोर्ट के बाहर मौलाना दानिश के पैरोकार आैर वकील.

दरगाह की मांग है कि जायरीन पर दर्ज सभी मामले वापस लिए जाएं. और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. इसलिए क्योंकि ये विवाद पैदा करके उर्स को बदनाम करने की कोशिश की गई है. इसमें जो भी पुलिसकर्मी दोषी हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए.

दरगाह के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी के मुताबिक मौलाना की जमानत मंजूर हो गई है. और वह शाम तक जेल से बाहर आ जाएंगे. (Ala Hazrat Urse Razvi)

दरगाह की ओर से मुफ्ती सलीम नूरी, मौलाना शहाबुद्​दीन, परवेज नूरी, नासिर कुरैशी आदि की एक टीम इस पूरे मामले को सुलझाने की कोशिश में लगी है.

दरगाह की ओर से अदालत में मौलाना दानिश की पैरवी के लिए वकील मुहम्मद काशिफ, कौसर खाान, ध्यान चंद ध्यानी, आमिर खान, मुहम्मद साजिद खान, मुहम्मद तसव्वर आदि की टीम रही.

4 अक्टूबर को शहामतगंज में जब ये बवाल हुआ था. डीएम-एसएसएपी मौके पर पहुंचे. दरगाह के संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा के मीडिया प्रभारी समरान खान जायरीन को समझाकर हटाते रहे. जायरीन पर लाठीचार्ज को लेकर जमात के उपाध्यक्ष सलमान हसन ने नाराजगी जाहिर की थी. और इस मामले में सलमान मियां और आसिफ मियां एक प्रतिनिधि मंडल के साथ एडीजी से भी मिले थे. जहां से किसी बेकसूर जायरीन के खिलाफ कार्रवाई न होने का आश्वासन मिला था.

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