फिर झटके में उद्धव ठाकरे : मध्यावधि चुनाव की मांग, शिंदे के समर्थन में नवी मुंबई के 32 और ठाणे के 66 पूर्व पार्षद

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द लीडर। महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी उठा पटक अभी भी जारी है। उद्धव ठाकरे को लगातार दूसरे दिन एक बार फिर से बड़ा झटका लगा है। नवी मुंबई के 32 पूर्व पार्षदों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट का समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।

वहीं इससे पहले ठाणे नगर निगम में पार्टी के 67 पूर्व पार्षदों में से 66 ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के प्रति समर्थन जताया था। बता दें कि, 131 सदस्यीय ठाणे नगर निगम का कार्यकाल कुछ समय पूर्व समाप्त हो गया था और चुनाव होने वाले हैं। इस नगर निगम का गढ़ माना जाता है। लेकिन अब यहां के 66 पूर्व पार्षदों ने एकनाथ शिंदे गुट का समर्थन करने का ऐलान किया।

BMC चुनाव में भी उद्धव को लग सकता है झटका

फिलहाल महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि, उद्धव ठाकरे गुट को अब बीएमसी चुनाव में भी झटका लग सकता है। क्योंकि अब तक नवी मुंबई के 32 और ठाणे के 66 पूर्व पार्षदों ने शिंदे गुट का समर्थन करने की बात कही है।


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उद्धव ठाकरे ने की मध्यावधि चुनाव की मांग

महाराष्ट्र में लगातार एक के बाद एक झटके लगने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी चिन्ह पर एकनाथ शिंदे द्वारा किए गए दावे पर कहा है कि, पार्टी का चिन्ह कोई नहीं छीन सकता है। उन्होंने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट का फैसला 11 जुलाई को आना है। जो सिर्फ शिवसेना का ही नहीं बल्कि भारतीय लोकतंत्र का भविष्य भी तय करेगा।

उद्धव ठाकरे ने पार्टी विधायकों का किया धन्यवाद

उद्धव ठाकरे ने आगे बोलते हुए कहा कि, तीर और कमान उनकी पार्टी का चुनाव चिह्न रहेगा। उन्होंने कहा कि, मेरे साथ जो 15- 16 विधायक हैं। मैं उनको धन्यवाद करता हूं। शिवसेना को कोई नुकसान नहीं होगा।

उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि, मेरे सैनिकों का मन बेहद दुखी है। कार्यकर्ता लगातार मुझसे मिलने आ रहे हैं। लेकिन मैं और पार्टी उनके साथ खड़े हैं।

उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर बोला हमला

उद्धव ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि, भाजपा ने आज जो महाराष्ट्र में किया। अगर दो ढाई साल पहले भाजपा ने यह किया होता तो शायद एमवीए का निर्माण कभी नहीं होता।

एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से की थी बगावत

बता दें कि, एक महीने पहले एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत की थी। उसके बाद शिवसेना के अधिकतर विधायकों ने भी पार्टी से बगावत की। जिसकी वजह से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई।

जिसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित कर एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के नए सीएम के रूप में शपथ ली। वही देवेंद्र फडणवीस ने भी डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली। 30 जून को महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे ने शपथ ली थी।


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