सऊदी अरब में मुकम्मल हुआ हज, 10 लाख हाजियों में 80 हजार भारत के मुसलमान

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द लीडर | कोविड-19 के चलते दो वर्ष तक प्रभावित रहने के बाद इस साल हज यात्रा मुकम्मल हो गई है और दुनियाभर के 10 लाख मुसलमान इसमें हिस्सा ले रहे हैं जिनमे से 80 हजार भारत के मुसलमान हैं. शारीरिक और वित्तीय रूप से सक्षम मुसलमानों को जीवन में कम से कम एक बार हज यात्रा करने के लिए कहा जाता है. इस दौरान वह उन स्थानों की यात्रा करते हैं, जहां लगभग 1,400 वर्ष पहले पैंगबर मोहम्मद ने अपना जीवन बिताया था. इनमें इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल काबा के आसपास इबादत करना शामिल है.

सऊदी ने इस साल बढ़ाया हाजियों की संख्या

सऊदी अरब ने इस साल हज यात्रा के लिए आने वाले यात्रियों की संख्या को बढ़ाने का फैसला किया था, जिसके तहत सऊदी अरब ने गुरुवार से शुरू हुई हज यात्रा के लिए विदेश से आने वाले 8 लाख पचास हजार मुसलमानों को यात्रा करने की मंजूरी देने का फैसला किया है. सऊदी सरकार के इस फैसले से दुनियाभर के मुसलमानों में खुशी की लहर है, क्योंकि हर मुसलमान का सपना होता है कि वो अपने जीवन में एक बार हज यात्रा अवश्य करें. अब सऊदी सरकार के इस फैसले से इस साल अधिक से अधिक संख्या में मुसलमानों को हज यात्रा करने का मौका मिलेगा. बताते चले की कोरोना काल के दौरान हज करने वालो की संख्या को घटा दिया गया था जो इस साल फिर से बढ़ा दिया गया है.


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40 दिनों की होती है यात्रा

हज यात्रा सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का में की जाती है और ये 40 दिनों की होती है. इस दौरान कई तरह की रस्में निभाई जाती हैं. यात्रा के दौरान 10 दिन मदीने में रहना होता है, इसके बाद मक्का पहुंचना होता है. हज यात्रा करने वाले हाजी हज यात्रा के पहले दिन काबा के चक्कर लगाते हैं. इसके बाद सफा और मरवा पहाड़ी के चक्कर लगाते हैं. हज यात्री धुल हिज्जा महीने के सातवें दिन मक्का पहुंचते हैं और एक सफेद रंग का बगैर सिला हुआ कपड़ा, जिसे इहराम कहते हैं, उसे शरीर पर लपेटते हैं. वहीं महिलाएं हिजाब के साथ कोई भी सादा कपड़ा पहन सकती हैं.

हज यात्रा के दौरान पुरुष और महिलाओं दोनों के वस्त्र सफेद रंग के होने चाहिए और महिलाओं का तन पूरी तरह से ढका होना चाहिए. हज यात्रा के दौरान जमारात पर पत्थर फेंकने की रस्म भी अदा की जाती है जिसे बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इसके साथ ही हाजी अल्लाह से अपने सारे कसूर और गलतियों को माफ करने की दुआ करते हैं. वहीं जो लोग सीधे तौर पर हज यात्रा के लिए जाते हैं, वे 8,9,40 तारीख को होने वाली मुख्य हज में हिस्सा लेते हैं.