इस साल के तापमान ने तोड़ा 122 सालों का रिकॉर्ड : मार्च महीने में गर्मी ने ढाया सितम

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द लीडर | भारत में गर्मी का सितम इस बार काफी अधिक रहेगा, बीते मार्च महीने में तापमान काफी अधिक रहा. इसके चलते लोगों को खासा परेशानी झेलनी पड़ी. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को कहा कि भारत में 122 वर्ष में मार्च सबसे गर्म रहा और इस महीने में देश में भीषण गर्मी महसूस की गयी. मौसम विभाग ने इस असामान्य गर्मी के लिए उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिण भारत में किसी भी व्यापक तंत्र के नहीं बनने के कारण वर्षा की कमी को जिम्मेदार ठहराया.

10 दिन तक जारी रहेगा ड्राई स्पेल

भारत मौसम विज्ञान विभाग के डीजीएम आरके जेनामनी ने कहा है कि गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में इस वर्ष जल्दी ही लू चलने लगीं. अगले 10 दिन तक ड्राई स्पेल जारी रहेगा. इस दौरान कहीं वर्षा के संकेत नहीं दिख रहे हैं. इसलिए राजस्थान, गुजरात और मध्य भारत के साथ-साथ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में गर्मी और ज्यादा बढ़ेगी.


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मार्च 2022 में दर्ज किया गया औसत अधिकतम तापमान  

पूरे देश में 8.9 मिलीमीटर (मिमी) वर्षा दर्ज की गई, जो कि इसकी लंबी अवधि की औसत वर्षा 30.4 मिमी से 71 प्रतिशत कम थी. वर्ष 1909 में 7.2 मिमी और 1908 में 8.7 मिमी के बाद 1901 से मार्च में तीसरी बार सबसे कम वर्षा हुई. आईएमडी ने एक बयान में कहा, ‘‘पूरे देश में, मार्च 2022 में दर्ज किया गया औसत अधिकतम तापमान (33.10 डिग्री सेल्सियस) पिछले 122 वर्षों में सबसे अधिक है.’’ मार्च 2010 में देश का अधिकतम तापमान 33.09 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.

अप्रैल में और प्रचंड होगी गर्मी

आईएमडी के डीजीएम ने कहा है कि मार्च में पश्चिमोत्तर भारत में सबसे ज्यादा तापमान 30.73 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. अभी गर्मी का यह सिलसिला थमने वाला नहीं है. खासकर राजस्थान, गुजरात और मध्य भारत में. आरके जेनामनी ने कहा कि इन राज्यों में अभी वर्षा के कोई आसार नजर नहीं आ रहे. चूंकि मार्च से ही इन राज्यों में गर्मी चरम पर है, अगले 10 दिनों तक गर्मी का प्रकोप और प्रचंड होगा.

देशभर में इस साल मार्च में औसत न्यूनतम तापमान 20.24 डिग्री सेल्सियस था 

मौसम विभाग ने कहा कि मार्च में देश का औसत तापमान 26.67 डिग्री सेल्सियस मार्च 2010 में दर्ज 26.671 डिग्री सेल्सियस के बाद दूसरा सबसे अधिक तापमान है. देशभर में इस साल मार्च में औसत न्यूनतम तापमान 20.24 डिग्री सेल्सियस था, जो 1953 में 20.26 डिग्री सेल्सियस और 2010 में 20.25 डिग्री सेल्सियस के बाद 122 वर्षों में तीसरा सबसे अधिक तापमान था।उत्तर-पश्चिम भारत में, औसत अधिकतम तापमान (30.73 डिग्री सेल्सियस) पिछले 122 वर्षों में सबसे अधिक है. मार्च 2004 में औसत अधिकतम तापमान 30.67 डिग्री सेल्सियस देखा गया था.

इन राज्यों में पड़ने वाली है सबसे ज्यादा गर्मी

उत्तर-पश्चिम भारत में मार्च 2022 के दौरान पिछले 122 सालों में औसत अधिकतम तापमान 30.73 डिग्री सेल्सियस के साथ उच्चतम है (पहले 2004 में उच्चतम 30.67 डिग्री था). औसत न्यूनतम तापमान 15.26 डिग्री सेल्सियस के साथ दूसरा सबसे अधिक है (2010 में 15.4 डिग्री). वहीं, औसत तापमान 22.99 डिग्री सेल्सियस के साथ दूसरे स्थान पर है (पिछले 122 वर्षों में सबसे अधिक 2010 में 23.01 डिग्री रहा). इस बार देश के जिन हिस्सों में गर्मी ज्यादा पड़ने वाली है, उसमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और गुजरात है. बड़ी बात ये है कि इस बार मार्च में वेस्टर्न हिमालय में भी रिकॉर्ड तापमान रहा है.

अप्रैल महीने में ही गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है. दिल्ली के हुमायूं टॉम्ब घूमने आने वाले कुछ लोगों से बात की, जिन्होंने बताया कि घर से अभी निकले हैं अभी तो घूम भी नहीं पाए और हालत खराब हो गई है. पानी की बोतल घर से भरकर लाए थे, लेकिन गर्मी की वजह से पानी ज्यादा पिया और पानी खत्म हो गया, तो पानी की बोतल दोबारा रिफिल करवाई है.

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