फौजी को यूपी पुलिस ने इतनी क्रूर यातनाएं दीं, सीमा पार का दुश्मन भी ऐसा जुल्म न करता, आरोपी पुलिसवालों पर मामला दर्ज

0
530
UP Police Tortured Soldiers Case Registered
पीलीभीत पुलिस का फाइल फोटो, साभार ट्वीटर

द लीडर : उत्तर प्रदेश पुलिस में कितने क्रूर चेहरे हैं? संवेदनहीन, अमानवीय. आम नागरिकों के साथ इनकी बर्बरता के किस्से अक्सर सुनते रहे होंगे. लेकिन एक रिटायर फौजी भी इनकी क्रूरता का ऐसा शिकार बनेेगा. शायद ही किसी ने कल्पना की हो. फौजी को बेरहमी से पीटकर भी जब क्रूर पुलिसवालों का मन नहीं भरा तो उनके प्राइवेट पार्ट में डंडा डाला. ऐसी अमानवीयता शायद सीमा पार बैठा दुश्मन भी न करता. जैसी, यूपी पुलिस ने भारतीय सेना के एक रिटायर जवान के साथ की है. मामला राष्ट्रीय मीडिया में छाने के बाद पीलीभीत पुलिस हरकत में आई. पहले आरोपी सब इंस्पेक्टर रामनरेश सिंह को सस्पेंड किया. अब फौजी की तहरीर पर राम नरेश सिंह, सब इंस्पेक्टर रईस अहमद और पांच-छह अज्ञात सिपाहियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है. इसे पुलिस की अपनी छवि बचाने का प्रयास भी कह सकते हैं. (UP Police Tortured Soldiers Case Registered )

घटना 3 मई की है. पीलीभीत जिले के पूरनपुर स्थित मथना निवासी फौजी रेशम सिंह अपने परिवार के साथ लखीमपुर में एक परिचित के अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे. पूरनपुर मंडी में पंचायत चुनाव की मतगणना चल रही थी. पुलिस ने रेशम सिंह की गाड़ी रोकी. कागज मांगे. कागज निकालने में देरी पर पुलिस गाली-गलौज करने लगी.


UP : सैनिकों के नाम पर जोश पैदा करतीं सरकारें और फौजी को बेरहमी से पीटती पुलिस, वीडियो वायरल होने पर सब इंस्पेक्टर निलंबित


 

तहरीर के मुताबिक पुलिस को कागज दिए, तो सब इंस्पेक्टर राम नरेश ने उन्हें मेरे मुंह पर मारा. और मारपीट करने लगा. जब मेरी मां बलजिंदर कौर, बहन सुखजिंदर कौर, रबिंदरकौर ने मेरी पिटाई देखी तो वे बचाने के लिए गाड़ी से उतरीं. तो पुलिस वालों ने उनके साथ भी मारपीट की. और बिना महिला पुलिस के मेरी मां-बहन को भी गाड़ी में बिठा लिया.

पुलिस मुझे थाने ले गई. मां-बहनों को अलग बिठा दिया. और सिपाईयों के निवास वाली जगह पर मुझे ले जाकर पीटा. चारपाई पर लिटाकर बेरहमी से मारा. बाद में डंडा मंगाकर मेरे प्राइवेट पार्ट में डाला. मैं दर्द से चीखता रहा. जब मरणासन्न हो गया, तो मुझे मेरी मां-बहनों को सौंप दिया.


क्या मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद चुनाव आयोग को अपने अधिवक्ता मोहित डीराम के इस्तीफे से दूसरा बड़ा आघात लगा


 

मेरे परिवार ने बताया कि गाड़ी के कागज पूरे होने के बाद 18,500 रुपये का चालान काट दिया. ये क्रूरता एक फौजी के साथ की गई है, जो सीमा पर अपनी जान कुर्बान करने के लिए सीना ताने खड़े रहते हैं. इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि एक आम नागरिक के साथ पुलिस का बर्ताव कैसा होगा? खासकर उन जिले, तहसीलों में जहां, बड़ा राजनीतिक दखल नहीं रहता है और पुलिस मनमानी पर तुली रहती है.

घटना को लेकर जब पुलिस की चारों ओर थू-थू होने लगी. तक पुलिस सक्रिय हुई. और कार्रवाई दर कार्रवाई की डिटेल जारी की जाने लगी. पुलिस के सोशल मीडिया विभाग से एक पत्र जारी किया गया. जिसमें पूरी कार्रवाई का विवरण शामिल है.

पत्र के मुताबिक शुरुआती जांच में दो सब इंस्पेक्टरों को निलंबित किया जा चुका है. और मामले की जांच पूरनपुर सीओ कर रहे हैं. एसपी किरीट राठौर ने रेशम सिंह के परिवार को बुलाकर पूरे मामले की जानकारी ली और कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here