10 गुना बड़ी होगी वह मस्जिद, जिसके पत्थर खुद पैगंबर मुहम्मद ने रखे थे

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क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ऐलान किया है कि पैगंबर मुहम्मद द्वारा बनवाई पहली इबादतगाह, मदीना की क़ुबा मस्जिद के आकार को दस गुना किया जाएगा। यह हुकूमत के राष्ट्रीय पुनरोद्धार कार्यक्रम के तौर पर होगा, जिसके लिए 2018 में क्राउन प्रिंस ने 130 ऐतिहासिक मस्जिदों के जीर्णोद्धार का हुक्म दिया था। (The Mosque Prophet Muhammad)

क्राउन प्रिंस इन प्राचीन मस्जिदों की अहमियत को उनके समृद्ध धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और स्थापत्य के लिहाज से जरूरी मानते हैं। पुनरोद्धार कार्यक्रम के तहत क़ुबा मस्जिद का ढांचा अपने इतिहास में सबसे बड़े विकास से गुजरेगा, जिसका विस्तार 50 हजार वर्ग मीटर तक होगा।

मदीना यात्रा के दौरान क्राउन प्रिंस ने पैगंबर की मस्जिद में नमाज अदा की, साथ ही रावदा, पवित्र कक्ष (पैगंबर के घर के रूप में जाना जाता है) और पैगंबर के मीनार के बीच क्षेत्र का मुआयना किया। उनके साथ मदीना के गवर्नर प्रिंस फैसल बिन सलमान और कई वरिष्ठ अधिकारी भी थे। (The Mosque Prophet Muhammad)

इसके बाद क़ुबा मस्जिद का भी दौरा किया और वहां भी नमाज पढ़ी। बाद में मदीना के तैयबा पैलेस में क्राउन प्रिंस ने प्रमुख विद्वानों, नेताओं और नागरिकों के शिष्टमंडल से मुलाकात की।

क़ुबा मस्जिद पैगंबर की मस्जिद से 5 किलोमीटर दक्षिण में मौजूद है। यह इस्लाम के इतिहास में इबादत की पहली जगह थी और 1 एएच (622 ईस्वी) में बनाई गई।

ऐसा माना जाता है कि पैगंबर मोहम्मद अक्सर क़ुबा मस्जिद में खासतौर पर शनिवार को नमाज पढ़ते थे। उन्होंने अपने साथियों से भी ऐसा करने का आग्रह किया।

मस्जिद के बारे में एक हदीस है, जिसमें पैगंबर ने कहा है: “जो कोई भी इस जगह वुजु करके नमाज अदा करता है, उसे एक उमरा के बराबर नवाजा जाएगा।”

यही वजह है कि मस्जिद मुसलमानों के लिए काफी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व की है।

किंग सलमान के नाम पर शुरू होने वाले प्रोजेक्ट का मकसद क़ुबा मस्जिद की क्षमता को 66 हजार नमाजियों तक बढ़ाना है। फिलहाल इसका मौजूदा क्षेत्र 5 हजार वर्ग मीटर है, जिसमें भवन और सुविधाएं 13 हजार 500 वर्ग मीटर हैं। इसकी कुल क्षमता 20 हजार अकीदतमंदों की है। (The Mosque Prophet Muhammad)

क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान ने कहा कि योजना यह सुनिश्चित करेगी कि मस्जिद पीक सीजन के दौरान बड़ी संख्या में अकीदतमंदों को पर्याप्त जगह दे सके। जीर्णोद्धार कार्यक्रम में मस्जिद की स्थापत्य शैली और इसके आसपास के अन्य स्मारकों को संरक्षित रखा जाएगा। चारों तरफ छायादार आंगन बनाए जाएंगे, जो उन क्षेत्रों से जुड़ेंगे जो अभी भवन से संरचनात्मक रूप से जुड़े नहीं हैं।

क्राउन प्रिंस ने कहा कि पुनरुद्धार यहां आने वाले अकीदतमंदों के लिए सुकून और सांस्कृतिक अनुभव बढ़ाएगा। साथ ही भीड़भाड़ की दिक्कत नहीं होगी और सुरक्षा के लिहाज से भी बंदोबस्त होंगे। मस्जिद तक आसान पहुंच के लिए सड़क व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।

इस परियोजना के हिस्से के रूप में कुओं, खेतों और बागों समेत 57 स्थलों को विकसित किया जाना है।

उन्होंने इन संरक्षण पहलों के प्रति प्रतिबद्धता को श्रेय किंग सलमान को दिया, जो विज़न 2030 के लक्ष्यों और उद्देश्यों का हिस्सा हैं।

यहां बता दें, क़ुबा मस्जिद के बारे में बताया जाता है कि मस्जिद के पत्थरों को पैगंबर मुहम्मद ने रखा था, जब वह मक्का से मदीना पहुंचे। फिर इस मस्जिद को उनके साथियों ने पूरा किया। (The Mosque Prophet Muhammad)

पैगंबर मुहम्मद 14 दिनों के लिए इस मस्जिद में रहे और क़स्र नमाज पढ़कर हजरत अली को साैंपे गए काम को पूरा कर लौटने का इंतजार किया। पैगंबर मुहम्मद हर शनिवार को कभी पैदल या कभी घुड़सवारी करते हुए क़ुबा मस्जिद जाते थे और दो रकअत नमाज पढ़ते थे, ऐसा सही अल-बुखारी पुस्तक के दूसरे खंड में हदीस संख्या 284/285 में दर्ज है, यह भी बताया जाता है।

20वीं शताब्दी में एक मशहूर वास्तुकार अब्दुल-वाहिद अल-वाकिल को इसे एक बड़ी मस्जिद बनाने के लिए नियुक्त किया गया था। वह पुराने डिजाइन को नई शक्ल देना चाहता था, लेकिन पुरानी मस्जिद नीचे झुक गई और नया आकार ले लिया।

इस मस्जिद का जीर्णोद्धार कई बार किया गया। इसे पुनर्निर्मित करने वाले पहले व्यक्ति थे हज़रत उस्मान इब्न अफ्फान। फिर हज़रत उमर ने क़ुबा मस्जिद की मीनारों के निर्माण का हुक्म दिया। ऑटोमन साम्राज्य के दौरान, अबू यली अल-हुसैनी ने मस्जिद के अंदर एक बिंदु बनवाया, जो नमाज की दिशा निर्धारित करता है।

लगभग तीस साल पहले, 1984 में भी इस मस्जिद का जीर्णोद्धार किया गया। मस्जिद प्रांगण को बड़ा किया गया, जिससे ज्यादा लोग उसके अंदर नमाज पढ़ सकें। मस्जिद की उत्तर दिशा महिलाओं के लिए है, जहां वे निजता के साथ नमाज अदा करती हैं। (The Mosque Prophet Muhammad)

इस मस्जिद में अब चार मीनारें हैं। इसके अलावा 56 गुंबद जो इमामों और मुअज्जिनों के रिहायशी इलाकों से जुड़े हुए हैं। क़ुबा मस्जिद के साथ एक पुस्तकालय और एक शॉपिंग सेंटर भी जुड़ा है।


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