दरगाह आला हजरत से शब-ए-बरात का एलान होलिका दहन, मस्जिदों में इबादत एक ही दिन

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द लीडर. अगर सबकुछ ठीक रहा तो 28 मार्च का दिन सांप्रदायिक सौहार्द की जड़ें मजबूत करेगा. शब-ए-बरात और होली का त्योहार एक ही दिन पड़ रहा है. बहुसंख्यक होलिका दहन करेंगे और अल्पसंख्यक रात में इबादत करते नजर आएंगे. दोनों ही वर्गों की तरफ से अपने-अपने धर्म का सही संदेश सामने आता है तो अगला रविवार मिसाली दिन साबित होगा. दरगाह आला हजरत से एलान के बाद पुलिस अपनी व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए हरकत में आ गई है.

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दरगाह के मरकजी दारुल इफ्ता से शब-ए-बरात के आयोजन की तिथि को एक दिन आगे बढ़ाया गया है. पहले चांद की शहादत नहीं मिलने पर 29 मार्च का एलान किया गया था, जिसे संशोधित करते हुए कहा गया है कि अब 28 मार्च को शब-ए-बरात होगी.

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दारुल इफ्ता के मुफ्ती अब्दुर्रहीम नश्तर फारूक़ी ने बताया कि मुंबई से 29 रजबुल मुरज्जब (इस्लामी माह का नाम) को शाबान का चांद देखे जाने की शहादत मिल गई है. इस पर काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती मुहम्मद असजद रजा खां कादरी की सहमति से मुफ्ती नाजिम अली ने शब-ए-बरात के आयोजन के लिए 28 मार्च का एलान कर दिया. यह कहते हुए कि गुजरी 14 मार्च को शब-ए-बरात के लिए चांद की तारीख का एलान किया गया था कि शहादत मिलती है तो एलान में संशोधन किया जाएगा. बता दें कि बरेली में होलिका दहन वाले दिन ही रामबरात का आयोजन किया जाता है, उसे देखते हुए प्रशासन अभी से अलर्ट मोड में दिख रहा है.

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