द लीडर. मौसम में बदलाव के बाद गर्मी शुरू होते ही आम-ओ-खास मच्छरों की बाढ़ आ जाने से परेशान हैं. मच्छर खुले में खड़े होकर बात करने में दिक्कत बन गए हैं. घरों के अंदर काटकर लोगों की नींद हराम कर रहे हैं. बात इससे भी आगे बढ़ चुकी है.
मच्छर इबादत में भी खलल पैदा कर रहे हैं. इतना कि यह मसला मस्जिदों से निकलकर देशभर में सुन्नी बरेलवी मुसलमानों का मरकज कही जाने वाली दरगाह आला हजरत पहुंच गया. तब साफ हुआ कि अगर मच्छरों को भगाने की कोशिश दो बार से ज्यादा की तो यह नमाज फासिद होने यानी ऐसा करना उससे हाथ धोने का सबब बन सकता है.
मसले की तफ्सील यह है कि मसि्जदों में कुछ नमाजियों को नमाज में मच्छर भगाने के लिए हाथ चलाते देख लोगों ने इमाम हजरात से सवाल किया कि क्या ऐसा किया जा सकता है? इसलिए क्योंकि नमाज को पूरी तरह ध्यान लगाकर पढ़ा जाता है.
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इसमें किसी तरह की कोई और हरकत की इजाजत नहीं है. इतना जरूर है कि टोपी गिर रही हो तो उसे चंद सेकेंड में संभाल सकते हैं. मच्छरों को लेकर किसी तरह की दलील अबसे पहले सामने नहीं आई थी.
लिहाजा इस मसले को लेकर दरगाह आला हजरत के मुफ्ती मुहम्मद सलीम नूरी से सवाल पूछा गया। उन्होंने साफ किया कि मच्छरों को भगाने के लिए हाथ चलाने का हुक्म नहीं है. हां, नमाज में मच्छर के काटने पर उसे सिर हिलाकर या पैर झटककर भगा सकते हैं.
ऐसा भी दो मर्तबा किया जा सकता है. तीसरी मर्तबा ऐसा कतई नहीं करना है. अगर किया तो नमाज जाती रहेगी। नमाज पढ़ते शख्स को देखकर किसी को यह नहीं लगना चाहिए कि वह कोई खेलकूद कर रहा है.
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