तब्लीगी जमात : 16 विदेशी नागरिकों ने अपना जुर्म कबूला, अदालत ने दी जेल में बिताए गए समय और अर्थदंड की सजा

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Tablighi Jamaat Confessed Crime Court
फाइल फोटो.
अतीक खान

 

बरेली : तब्लीगी जमात से जुड़े 16 विदेशी नागरिकों ने पिछले साल कोविड काल के दौरान लाकडाउन के उल्लंघन का जुर्म कबूल कर लिया है. इस पर अदालत ने उन्हें जेल में बिताए गए समय और अर्थदंड की सजा सुनाई है. आठ आरोपियों पर करीब 45-45 हजार और बाकी आठ को 7900 का अर्थदंड चुकाना होगा. मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट यशपाल सिंह लोधी की अदालत से फैसला सुनाय गया.

पिछले साल मार्च में तब्लीगी जमात के इन विदेशी नागरिकों को यूपी के दो जिलों से गिरफ्तार किया गया था. जमात के आठ सदस्‍य मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किए गए थे, जबकि आठ लोगों को बिजनौर के नगीना थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर जेल भेजा था. बाद में ये जमानत पर रिहा हो गए थे.

मुरादाबाद से जिन आठ विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था. उसमें इंडोनेशिया के नोपरियान पहलवान, आरडीएंसा, सोफियान परामेता, स्केंदर नेंदेई, इलियास मौलाना अब्दुल मलिक, सरीफुद्​दीन, रेफली कासिम और कमरुद्दीन शामिल हैं. अदालत ने इन पर करीब 45-45 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है.

वहीं, नगीना थाना क्षेत्र के मुहल्ला पंजाबियान स्थित जामुन वाली मस्जिद से पुलिस ने 30 मार्च 2020 को आठ विदेशियों के साथ पांच भारतीयों को महामारी अधिनियम के उल्लंघन में गिरफ्तार किया था. इसमें मुफ्ती मुहम्मद तारिक, जाहिद शम्सी, मुफ्ती उस्मान, हाजी तस्लीम, शकील शम्सी, मुहम्मद इरशाद, ओकी अरिकेवरी, माहदी थोरीक अरोसिद, मुहम्मद अमीनउद्​दीन नाजिब, वसीम करेशना अखमद, नूरम मुहम्मद ईशान, इल्हम मिख्ता खुन्नूर, इतांक सोपियान शामिल हैं.


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जो आठ विदेशी नागरिक हैं, उन पर 7,900 रुपये के ह‍िसाब से अर्थदंड के साथ जेल में बिताए गए समय की सजा दी गई है. इनके ऊपर महामारी अधिनियम, विदेशी अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराओं में कार्रवाई हुई थी. और पासपोर्ट जब्‍त कर ल‍िए गए थे.

अदालत में दिए थे शपथपत्र

आरोपियों ने अदालत में अपना जुर्म स्वीकार के प्रार्थनापत्र अदालत में प्रस्तुत किए. इस गुहार के साथ कि वे गरीब हैं और उनकी पैरवी करने वाला कोई नहीं है. अपनी मर्जी से जुर्म कबूल करना चाहते हैं. इसलिए उनके प्रार्थनापत्र पर विचार करते हुए कम से कम सजा दी जाए. आरोपियों की ओर से पेश अधिवक्ता मिलन गुप्ता ने बताया कि जुर्म स्वीकारोक्ति के आधार पर मामले का निस्तारण हुआ है.

निजामुद्​दीन मरकज की घटना के बाद मची थी खलबली

दिल्ली के निजामुद्​दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज में पिछले साल एक कार्यक्रम हुआ था. उसमें सैकड़ों विदेशी नागरिक हिस्सा लेने पहुंचे थे. बाद में कोरोना के कारण लॉकडाउन हो गया. इस बीच मरकज में ठहरे बड़ी संख्या में लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए.


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कुछ मौतें भी हो गईं. इसके बाद सरकार सक्रिय हुई. और मरकज के कार्यक्रम में शामिल होने वाले तब्लीगी जमात के सदस्यों की तलाश शुरू कर दी. इसी क्रम में देश के विभिन्न हिस्सों में जमात से जुड़े और मरकज से लौटने वालों के विरुद्ध कार्रवाईयां हुई थीं.

हाईकोर्ट से मिल रही राहत

तब्लीगी जमात के कई विदेशी नागरिक, जिन्हें महामारी अधिनियम के उल्लंघन में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें विभिन्न राज्यों के हाईकोर्ट से राहत मिल चुकी है.

 

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