पाकिस्तानी संसद में गजब का वाकया हो गया। ऐसा किसी गैर मुस्लिम ने धाेखे से भी कर दिया होता तो पाकिस्तान में ईश निंदा कानून के तहत सख्त कार्रवाई होती। स्थानीय पाकिस्तानी समाचार वेबसाइट के मुताबिक मंगलवार को पाकिस्तानी नेशनल असेंबली सदस्यों के जंग का मैदान बन गई। सरकार और विपक्ष के विधायक इस कदर आपस में भिड़ गए कि मर्यादा का बिल्कुल ख्याल नहीं रखा। एक-दूसरे पर सामान फेंक फेंककर ही नहीं मारा, बल्कि बजट बुक को भी फेंका, जिसमें कुरान कई आयतें लिखी हुई थीं।
पाकिस्तानी मीडिया की खबरों के अनुसार, शबाज़ शरीफ़ के भाषण के बाद दूसरे दिन असेंबली का माहौल गरमा गया। सत्तारूढ़ पीटी के अली नवाज अवान और पीएमएल-एन के रोहेल अशगर समेत कई सदस्यों के बीच तीखी बहस के चलते ऐसा हुआ।
विपक्ष के नेता शरीफ ने लगभग एक करोड़ नौकरियों का सवाल उठाया, जिसका वादा इमरान खान ने किया था। उन्होंने यह भी पूछा कि 300 अरब डॉलर विदेशों से देश में लाए जाने वाले थे, उसका क्या हुआ। उन्होंने पीएम इमरान खान को यह कहकर लताड़ा, आपके भ्रष्टाचार को खत्म करने के दावे एकदम खोखले हैं।
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सरकार पर विपक्ष के सवाल उठने के दौरान शोर-शराबा और हंगामा शुरू हो गया और देखते ही देखते असेंबली हॉल में पक्ष और विपक्ष एक दूसरे को ललकारने लगे।इस बीच किसी कुछ फेंका तो किसी ने कुछ। बजट बुक सबके पास थी तो वे एक दूसरे पर फेंक-फेंककर उसे ही मारने लगे।
Throwing budget books at each other which start with the name of Almighty Allah and holy prophet (pbuh)isn't Blasphemy but if a Christian/ minority community citizen unknowingly and in ignorance throws the newspaper pages having the name of Allah, is Blasphemy?
— Shaukat Javed (@shaukatpsp) June 16, 2021
विपक्ष ने जैसे ही इमरान खान सरकार को ‘गधा राजमा की सरकार’ कहा, पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी सांसद अली नवाज अवान ने उन्हें गाली देना शुरू कर दिया, वह उन पर किताबें फेंकते कैमरे में कैद हो गए। दूसरी ओर, पीटीआई की एक महिला को कुछ लोगों ने धक्का-मुक्की कर रहे सांसदों के बीच से निकाला।
सत्र के बाद, शरीफ ने ट्वीट किया कि अब पूरे देश ने टीवी पर देख लिया कि कैसे सत्ताधारी दल गुंडागर्दी और गालीगलौच से सरकार चला रहा है। इस हरकत से साफ जाहिर है कि इमरान खान और उनकी पूरी पार्टी पीटीआई फासीवादी सियासत कर रही है, उन्होंने निराशा व्यक्त करते हुए घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
सोमवार को ट्रेजरी सदस्यों ने चौंकाने वाला कदम उठाते हुए विपक्ष के नेताओं को बजट को लेकर आम बहस शुरू करने से रोक दिया था। उन्होंने घोषणा की कि वे उन्हें और पाकिस्तानी पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी को नेशनल असेंबली में बोलने की अनुमति नहीं देंगे, जब तक कि उनके पास लिखित अनुमति नहीं है कि प्रधानमंत्री इमरान खान और मंत्री उनको सुनेंगे।