पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कोई संवाद इमरान खान के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद ही कायम हाे सकेगा।
बिलावल ने कहा, ” जब तक जनविरोधी, नाजायज और कठपुतली प्रधानमंत्री के हाथ में सत्ता है, अवाम कराहती ही रहेगी।”
भुट्टो जरदारी सिंध के मुख्यमंत्री के पूर्व सलाहकार दिवंगत एजाज अली शाह शीराज़ी के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए थाटा के दौरे पर थे।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संवाद के लिए एकमात्र मंच संसद होगा, लेकिन इस तरह के किसी भी संवाद से पहले प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना होगा ताकि लोगों के वास्तविक मुद्दों पर राजनीतिक समाधान निकाला जा सके।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को पीपीपी अध्यक्ष ने ये कहकर लताड़ा, ‘किसानों, मजदूरों और छोटे व्यापारियों समेत समाज के हर वर्ग को इस सरकार ने तंग कर दिया है। लोग महंगाई और बेरोजगारी के कारण अपने बच्चों को स्कूलों में भेजने और आवश्यक वस्तुओं, दवाओं आदि को खरीदने तक में असमर्थ हैं।’
भुट्टो जरदारी ने कहा, इमरान खान महज कुछ तनख्वाह बढ़ाकर न तो श्रमिकों को राहत दे सकते हैं और न ही रिटायर्ड लोगों की पेंशन बढ़ा सकते हैं, क्योंकि जबकि बिजली और रसोई गैस की कीमतें लगातार बढ़ रही है। हालात ये हैं कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बांग्लादेश और अफगानिस्तान की विकास दर से खासी नीचे चली गई है।
उन्होंने सरकार पर अरबों रुपये के बेलआउट पैकेजों के मार्फत ‘माफियाओं’ को खुश करने का भी आरोप लगाया।
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बिलावल ने बलूचिस्तान में 10 से अधिक कोयला खनिकों की हत्या की कड़ी निंदा की और सरकार से कामगारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही नेशनल एक्शन प्लान (एनएपी) लागू करने की मांग की।
“जब से इमरान सरकार सत्ता में आई है, हम कानून लागू कराने वाली एजेंसियों की हिरासत से आतंकवादियों के भागने का गवाह रहे हैं,” उन्होंने दावा किया।
उन्होंने इमरान खान और गृहमंत्री शेख रशीद को जिम्मेदारियों को पूरा न करने और आलोचना से सुधार के बजाय पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के नेताओं को धमकाने का आरोप लगाया।
बिलावल का बयान पीडीएम द्वारा बहावलपुर में सरकार के खिलाफ राजनीतिक रैली आयोजित करने के बाद आया है। 11 विपक्षी दलों के गठबंधन ने 31 जनवरी तक इमरान खान के इस्तीफे की मांग की है।