द लीडर देहरादून। सात फरवरी को ऋषिगंगा की बाढ़ में बहे पुल की जगह बार्डर रोड आर्गनाइजेशन के इंजीनियरों ने रिकार्ड समय में एक वैली पुल तैयार कर दिया है। टीम को 20 मार्च तक का टारगेट दिया गया था लेकिन 15 दिन पहले ही शुक्रवार को पुल तैयार हो गया।
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मलारी हाईवे पर रैणी गांव के पास यह वैली ब्रिज दो फीट स्पान का है। नदी के दोनों किनारे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हैं इसलिए किनारों पर पुल का सपोर्ट देने को लिए तीन मंजिला फैब्रिकेशन वर्क किया गया। कई दिन पुल के निर्माण स्थल तक पहुंचने के लिए मलबा हटाने में ही लग गए । पुल बनाने में बीआरओ को सिर्फ आठ दिन लगे। इस पुल के बनने के साथ ही उन 31 गांव और मजरों का भी शेष भारत से संपर्क जुड़ गया है जो बाढ़ के बाद से कटे हुए थे।बीआरओ के आधिकारियों ने बताया कि जल्दी ही इसी स्थान पर स्ठायी पुल के निर्माण का कार्ट भी शुरू कर दिया जाएगा।