द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आज जयंती है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य दिग्गज नेताओं ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी.
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पीएम समेत कई दिग्गजों ने किया नमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि, मैं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर नमन करता हूं. उनके आदर्श देश में लाखों लोगों को प्रेरणा देते हैं. डॉ. मुखर्जी ने अपना जीवन भारत की एकता और प्रगति में खपा दिया. उन्होंने एक विद्वान और बुद्धिजीवी के रूप में भी अपनी पहचान बनाई.
I bow to Dr. Syama Prasad Mookerjee on his Jayanti. His lofty ideals motivate millions across our nation. Dr. Mookerjee devoted his life towards India’s unity and progress. He also distinguished himself as a remarkable scholar and intellectual.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 6, 2021
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस मौके पर ट्वीट किया. और कहा कि, देशभक्त और राष्ट्रवादी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारत की एकता और अखंडता के लिए अपना जीवन समर्पित किया. हमारे प्रेरणा स्त्रोत व एक प्रखर राष्ट्रवादी विचारक श्रद्धेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन.
भारत की एकता एवं अखंडता के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले, प्रखर राष्ट्रवादी विचारक, महान शिक्षाविद जनसंघ के संस्थापक एवं हमारे पथ प्रदर्शक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर शत्-शत् नमन। pic.twitter.com/ZZUWfgB4M9
— BJP (@BJP4India) July 6, 2021
बता दें कि, श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे थे. जम्मू-कश्मीर में लगाए गए अनुच्छेद 370 के खिलाफ मुखर रूप से आवाज़ उठाने वाले लोगों में श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम सबसे पहले आता है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्वतंत्र भारत की पहली कैबिनेट में मंत्री रहे थे, हालांकि जम्मू-कश्मीर के मसले पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
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श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 6 जुलाई 1901 में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. 1953 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी बिना परमिट के जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर निकले, जहां उन्हें गिरफ्तार किया गया था. 23 जून, 1953 में जेल में ही उनकी मौत हो गई थी.
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 120वीं जयंती
भारतीय जनसंघ के संस्थापक और इसके पहले अध्यक्ष डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आज 120वीं जयंती है. डॉक्टर मुखर्जी जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 के मुखर विरोधी थे. उनका सपना था आजाद कश्मीर, जिसे अब जाकर भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार ने साकार किया है.
नेहरू की पहली सरकार में मंत्री थे श्यामा प्रसाद मुखर्जी
एक दिलचस्प किस्सा बताया जाता है कि, एक बार श्यामा प्रसाद मुखर्जी जब जवाहरलाल नेहरू की पहली सरकार में मंत्री थे. उस वक्त नेहरू-लियाकत पैक्ट हुआ, तो मुखर्जी और बंगाल के एक अन्य मंत्री ने इस्तीफा दे दिया. यहीं से जनसंघ की शुरुआत हुई. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की नींव रखी.
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उस वक्त दिल्ली में नगरपालिका चुनाव में कांग्रेस और जनसंघ के बीच कांटे की टक्कर चल रही थी. इसी दरमियान श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने संसद में बोलते हुए कांग्रेस पर ये आरोप लगाया कि, वो वाइन और मनी का इस्तेमाल चुनाव जीतने के लिए कर रही है.
ये बात जवाहरलाल नेहरू को बुरी लग गई. ऐसे में उन्होंने मुखर्जी के इस आरोप का जबरदस्त तरीके से विरोध किया. दरअसल, मुद्दा उस वक्त गरमा गया जब नेहरू ने श्यामा प्रसाद की बात को वाइन और मनी की जगह वाइन और वुमेन समझ लिया.
नेहरू ने श्यामा से मांगी माफी
उन्होंने जोरदार विरोध किया और ये तक कह दिया कि मुखर्जी साहब ने आधिकारिक रिकॉर्ड में ये कहा है, हालांकि थोड़ी देर में ही नेहरू को अपनी गलती का एहसास हो गया. उसी वक्त श्यामा प्रसाद मुखर्जी से जवाहरलाल नेहरू ने भरे सदन में खड़े होकर माफी मांगी.
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