पुलिस ने बीडीसी सदस्यों की सूची मांगी-सपा बोली-2022 में होगा हर अत्याचार का हिसाब

द लीडर : उत्तर प्रदेश ब्लॉक प्रमुख चुनाव 10 जुलाई को है. सत्तारूढ़ भाजपा और समाजवादी पार्टी, दोनों पूरी ताकत के साथ मैदान में हैं. इस बीच जालौन के उरई कोतवाली का एक कथित पत्र सामने आया है. जिसको लेकर समाजवादी पार्टी ने भाजपा पर ”लोकतंत्र का गला घोटने” का आरोप लगाया है. और दो टूक कहा है कि, ”जनता सब देख रही है. माफ नहीं करेगी. 2022 में हर एक अत्याचार का हिसाब होगा.”

यूपी में ब्लॉक प्रमुखी की 826 सीटें हैं. और 75, 845 क्षेत्र पंचायत सदस्य  (BDC) हैं, जो अपने-अपने ब्लॉक के प्रमुख का चुनाव करेंगे. 8 जुलाई को नामांकन होगा. और 9 जुलाई नाम वापसी की तारीख है. 10 जुलाई को मतदान के साथ ही शाम तक रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा.

मंगलवार को समाजवादी पार्टी ने जालौन के उरई थाना का एक पत्र सार्वजनिक किया है, जो सभी चौकी और हल्का प्रभारियों को संबोधित है. इसमें कहा गया है कि, ”अपने क्षेत्र के निर्वाचित बीडीसी सदस्य, उनके परिवार और समर्थकों सूची मय नाम पता और मोबाइल नंबर के साथ शाम तक उपलब्ध कराएं. बीडीसी सदस्यों का आपराधिक रिकॉर्ड भी दें.”


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इस पत्र को लेकर समाजवादी पार्टी ने सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा है. इस आरोप के साथ कि, ‘जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में लोकतंत्र की हत्या करने के बाद ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी लोकतंत्र का गला घोटने की कवायद में जुटी है भाजपा. यूपी में प्रभारी निरीक्षक बीडीसी सदस्यों और उनके समर्थकों की सूची की मांग कर रहे हैं. फर्जी मुकदमों में प्रताड़ित करने की कवायद है. जनता सब देख रही है. माफ नहीं करेगी. 2022 में हर अत्याचार का हिसाब होगा.’

हाल ही में यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव हुए हैं. इसमें शुरुआत से ही सपा, सत्तारूढ़ पार्टी पर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने का आरोप लगाती रही थी. और चुनाव के बाद तक वो अपने आरोपों पर कायम रही. पंचायत अध्यक्ष चुनाव में सपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था. 75 जिलों में उसे महज 5 सीटों पर जीत मिली थी और 67 सीटें भाजपा ने जीती थीं.

पंचायत चुनाव में जीत से उत्साहित भाजपा ब्लॉक प्रमुखी चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर अपनी जीत की कोशिश में है. सूत्रों के मुताबिक कई सीटों पर पार्टी निर्विरोध जीत की रणनीति बना रही है.


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दूसरी ओर सपा इस संदेह के साथ आरोप लगा रही है कि ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भी सत्तारूढ़ दल सरकारी मशीनरी का उपयोग कर उनके सदस्यों पर दबाव डालेगा.

यूपी में अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव है. इससे पहले पंचायत और ब्लॉक प्रमुख चुनावों को काफी अहम माना जा रहा है. इस चुनाव में जीत-हार सीधे समर्थकों के मनोबल से जुड़ी मानी जा रही है. शायद यही वजह है कि भाजपा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हो रहे इन चुनावों में पूरी ताकत झोंके हुए है.

 

Ateeq Khan

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