दिल्ली दंगा: पुलिस की याचिका पर सुनवाई, SC ने कहा- हम इस पर नोटिस जारी करेंगे

0
203

द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली दंगा मामले में तीन आरोपियों की जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिस पर कोर्ट ने कहा कि, वह इस मामले में नोटिस जारी करेंगे.

यह भी पढ़े: डेब्यू मैच में इंग्लैंड के चार विकेक झटके देहरादून की स्नेह राणा ने स्वर्गीय पिता का किया समर्पित

यह व्यापक मुद्दा, हम इस पर नोटिस जारी करेंगे- SC

सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि, हाईकोर्ट के फैसले से देश में यूएपीए के सभी मामले प्रभावित होंगे, इसलिए आदेश पर रोक लगना चाहिए. एक तरह से हाईकोर्ट ने तीनों को मामले में बरी ही कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, यह व्यापक मुद्दा है. हम इस पर नोटिस जारी करेंगे.

यह भी पढ़े:  Bihar Politics : क्या RJD ने 16 साल के ‘सुशासन’ के आवरण से हटा दी झीनी चुनरी, जो दिखने लगे बदहाली के दाग

सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि, अब तीनों बाहर हैं. उन्हें बाहर रहने दीजिए. लेकिन फैसले पर रोक लगना चाहिए. असहमति और विरोध का मतलब लोगों की जान लेना नहीं होता. इस तरह से तो जिस महिला ने पूर्व प्रधानमंत्री को धमाके में उड़ा दिया, वह भी विरोध कर रही थी.

दिल्ली दंगे में 53 लोग मारे गए, कई घायल

हाईकोर्ट ने यूएपीए को एक तरह से असंवैधानिक कह दिया है. दिल्ली दंगों में 53 लोग मारे गए और 700 घायल हुए. अब हाईकोर्ट कहता है कि यूएपीए नहीं लगेगा.

यह भी पढ़े:  तीसरी लहर से लड़ेंगे 1 लाख वॉरियर्स, PM मोदी ने शुरू किया महाअभियान

वहीं जवाब में एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि, मैं सहमत हूं कि व्यापक मुद्दे पर सुनवाई हो. लेकिन यह जमानत का मामला है.’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा, किन बेल के केस में हाईकोर्ट ने 100 पन्ने से ज्यादा का फैसला दे दिया है.

क्या है मामला?

बता दें, दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दिल्ली हिंसा मामले में नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा को जमानत दे दी थी.

यह भी पढ़े:  भारतवंशियों की छलांग: नडेला बने माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन सरला विद्या नागला फ़ेडरल जज

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जे भंभानी की पीठ ने कहा कि, प्रथम दृष्टया, यूएपीए की धारा 15, 17 या 18 के तहत कोई भी अपराध तीनों के खिलाफ वर्तमान मामले में रिकॉर्ड की गई सामग्री के आधार पर नहीं बनता है.

तन्हा जामिया मिल्लिया इस्लामिया से स्नातक की छात्रा है. उसे मई 2020 में यूएपीए के तहत दिल्ली हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया था. नरवाल और कलिता जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पीएचडी स्कॉलर हैं, जो पिंजरा तोड़ आंदोलन से जुड़ीं हुईं हैं. वे मई 2020 से हिरासत में हैं.

यह भी पढ़े:  देश में हारा कोरोना ! पिछले 24 घंटे में 62,480 नए केस, 1587 की मौत

यह मामला दिल्ली पुलिस की ओर से उस कथित साजिश की जांच से संबंधित है, जिसके कारण फरवरी 2020 में दिल्ली में भयानक हिंसा भड़क उठी थी. पुलिस के अनुसार, तीनों आरोपियों ने अभूतपूर्व पैमाने पर अन्य आरोपियों के साथ मिलकर ऐसा व्यवधान पैदा करने की साजिश रची, जिससे कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ी जा सके.

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here