द लीडर : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की किसान रैली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने तीन नए कृषि कानूनों को राक्षसरूपी बताते हुए कहा कि ये सरकार के अरबपति मित्रों की मदद करेंगे, और किसानों को मारेंगे. इस सरकार के लोग और प्रधानमंत्री किसानों का मजाक उड़ा रहे हैं. 78 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों को आतंकवादी, आंदोलन जीवी कह रहे. ये सब कहने-बोलने वाले देशभक्त नहीं हो सकते.
प्रियंका गांधी ने गांव, जवान और किसानों को केंद्र में रखकर सरकार पर तीखे वार किए. उन्होंने कहा कि भाजपा अरबपति दोस्तों के लिए जमाखोरी, ठेकेदारी के दरवाजे खोल रही है. ये कानून लाकर मंडी व्यवस्था, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म करने जा रही है. इस स्थिति में किसानों की आवाज झुकेगी. ऐसा कोई कानून नहीं होगा, जो किसानों की मदद करेगा.

बोलीं, पिछले चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सरकार बनते ही गन्ने का बकाया 15 हजार करोड़ रुपये ब्याज समेत भुगतान कराएंगे. इसके उलट मोदी जी ने 16 हजार करोड़ रुपये में दो हवाईजहाज खरीदे हैं. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इनकी जबान में कितना वजन है.
20 हजार करोड़ रुपये खर्च करके संसद का सौंदर्यीकरण कराएंगे. इस सबके बीच आपको गन्ने का 15 हजार करोड़ का बकाया आज तक नहीं मिला. तंज कसा-जिनका दिल अपने अरबपति दोस्तों के लिए धड़कता हो वो किसानों की क्या परवाह करेंगे.
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मगर किसानों का दिल अपनी धरती के लिए धड़कता है. किसान ने ही हरित और श्वते क्रांति के जरिये देश को आत्मनिर्भर बनाया है. उसी किसान का बेटा सरहद की हिफाजत करते हुए कुर्बानी देता है.और प्रधानमंत्री की सुरक्षा भी करता है.
लेकिन पीएम उस किसान का दिल नहीं पहचान रहे हैं. हर रोज किसानों का अपमान किया जा रहा है. यहां तक कि खुद पीएम ने संसद में किसानों को आंदोलन जीवी कहकर मजाक उड़ाया है.

प्रियंका ने कहा कि इस देश को किसान ने बनाया है. मोदीजी अमेरिका, पाकिस्तान और चीन जा सकते हैं. मगर अपने ही देश की जिस सीमा पर किसान पिछले 78 दिनों से धरने पर बैठा है. उस तक नहीं जा सकते. किसान प्रतीक्षारत हैं कि जिन्हें हमने वोट देकर प्रधानमंत्री बनाया है. वो हमारे पास आएंगे.
बोलीं, जो देश बेच रहा हो. उनसे क्या उम्मीद करेंगे? एयर इंडिया, सेल, ओएनजीसी समेत कई सरकारी कंपनी बेच दीं. मैं आपसे ये कहने आई हूं कि कांग्रेस और मैं आपके साथ खड़ी हूं. जिससे आप उम्मीद रख रहे हैं वो आपके लिए कुछ नहीं करेंगे. उनके वादे-शब्द, सब खोखले हैं.
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सवाल उठाया कि लॉकडाउन में इनके अरबपति मित्र कहां थे-जब लोग पैदल गांवों की तरफ आ रहे थे? ये सरकार जिन लोगों के लिए काम करती है-उन्हें आपकी रत्ती भर भी परवाह नहीं है. आप एक कदम पीछे मत हटिए. हम आपके साथ खड़े हैं. कांग्रेस की सरकार आएगी तो ये कानून रद होंगे.
आपकी मदद के लिए कानून बनेंगे, न कि आपको बेचने के लिए. हम आपके दिल और जीवन के साथ राजनीति नहीं करेंगे. धर्म और जाति के आधार पर न ही तोड़ेंगे और न ही बांटेंगे.