उक्रेन में रूसी कार्रवाई से अंतरराष्ट्रीय तनाव चरम पर है। एक ओर रूस के साथ चीन ही नहीं, सभी अमेरिका विरोधी ताकतें जुट गई हैं, वहीं उक्रेन के मसले पर अमेरिका सहयोगी ताकतें एक हैं। नाटो और रूसी गुट के बीच जंग शुरू हुई तो यह युद्ध दुनिया में तबाही की ओर जा सकता है, इसकी आशंकाएं पैदा हो गई हैं। इस भयंकर तनाव के बीच रूस ने एक नया दांव खेल दिया है इजरायल को लेकर, जो अमेरिका का नजदीकी सहयोगी माना जाता है। वहीं, इस मुद्दे से रूस ने फिलिस्तीन की पक्षधर अरबी ही नहीं दुनियाभर की मुस्लिम आबादी को भी अपनी ओर खींचने की कोशिश की है। (Russia Israel Golan Heights)
ताजा मामला गोलान पहाड़ियों को लेकर है। इन पहाड़ों पर इजरायल का नियंत्रण है, लेकिन रूस ने इस नियंत्रण को अवैध करार देते हुए कहा है कि वह यहां पर इजरायल की संप्रभुता का मान्यता नहीं देता।
रूस ने गोलान हाइट्स में इजरायली नियंत्रण और विस्तार योजनाओं की आलोचना की है।
संयुक्त राष्ट्र में रूसी मिशन ने ट्वीट किया, “हम तेल अवीव के कब्जे वाली #गोलानहाइट्स में बढ़ती गतिविधि और विस्तार की घोषणा की योजना से फिक्रमंद हैं, जो 1949 के जिनेवा कन्वेंशन के प्रावधानों के खिलाफ है।”
“रूस गोलान हाइट्स पर इज़राइल की संप्रभुता को मान्यता नहीं देता है, जो #Syria का हिस्सा हैं।”
इज़राइल ने 1967 में सीरिया से गोलान हाइट्स को छीन लिया और 1981 में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। यह एक ऐसा कदम था, जिसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने मान्यता नहीं दी है। (Russia Israel Golan Heights)
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक प्रस्ताव, जिसका रूस एक स्थायी सदस्य है, कहता है: “कब्जे वाले सीरियाई गोलान हाइट्स में अपने कानूनों, अधिकार क्षेत्र और प्रशासन को लागू करने का इजरायल का निर्णय शून्य और अंतरराष्ट्रीय कानून बगैर है।”
गौरतलब है, इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने पिछले साल के अंत में इस क्षेत्र में बस्तियों की संख्या को दोगुना करने की योजना की घोषणा की थी। (Russia Israel Golan Heights)