इजरायल पर दागे रॉकेट, फिलिस्तीनी नाकेबंदी को गज़ान क्रॉसिंग बंद

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रमजान के आखिरी दस दिनों में इजरायल का पूर्वी यरूशलम में दखलंदाजी बंद करने की घोषणा के बावजदू शुक्रवार की झड़प का असर बना हुआ है, रात के वक्त दोनों और से रॉकेट हमले ने आग में घी डाल दिया। इजरायल ने रॉकेट दागने के जवाब में गाजा पट्टी से अपने क्षेत्र से व्यापारियों और मजदूरों के आने जाने की एकमात्र क्रॉसिंग को बंद करने का ऐलान किया है। (Israel Palestinian Gazan Crossing)

शुक्रवार को दिन में झड़प के बाद रात को और फिर शनिवार की सुबह रॉकेट हमलों ने यरूशलम के फ्लैशपॉइंट अल-अक्सा मस्जिद परिसर को घातक मंजर में बदल दिया। मुसलमानों के रमजान महीने और यहूदी फसह त्योहार एकसाथ होने के चलते फैली अशांति ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर डालना शुरू कर दिया है।

इजरायली रक्षा मंत्रालय की इकाई COGAT की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, “कल रात गाजा पट्टी से इजरायली क्षेत्र की ओर दागे गए रॉकेटों के बाद यह फैसला लिया गया कि आगामी रविवार को इरेज़ क्रॉसिंग के जरिए गज़ान व्यापारियों और श्रमिकों के लिए इज़राइल में आवाजाही की मंजूरी नहीं दी जाएगी,”

फिलीस्तीनी और इस्राइली सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार रात को दक्षिणी इजरायल में गाजा से दो रॉकेट दागे गए, जिनमें से एक इजरायल के अंदर गिरा और दूसरा कम दूरी की मार होने से उत्तरी गाजा में एक आवासीय इमारत टकराया।

इजरायली सेना ने कहा कि शनिवार सुबह इजरायल पर तीसरा रॉकेट दागा गया, जिसमें कोई हवाई हमला सायरन सक्रिय नहीं था। (Israel Palestinian Gazan Crossing)

उन्होंने बुधवार और गुरुवार के बाद यह ताजा रॉकेट हमले किए हैं और जब इजरायली पुलिस के साथ अल-अक्सा मस्जिद में फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों की करतूत से एक एक व्यक्ति को हालत नाजुक है, उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इज़राइल ने हवाई हमलों से रॉकेट हमलों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की, लेकिन यह आगे की हिंसा को रोकने की इच्छा के साथ। पानी सिर से ऊपर जा रहा है इसलिए इस बार अपनी प्रतिक्रिया के तौर पर इरेज़ क्रॉसिंग बंद करके आर्थिक नाकाबंदी करने का कठोर उठाया गया है।

COGAT ने अपने बयान में यह भी कहा, “क्रॉसिंग को फिर से खोलने का फैसला सुरक्षा के हालात का आकलन करके किया जाएगा।”

पिछले एक हफ्ते में अल-अक्सा और उसके आसपास हुई झड़पों में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें ज्यादातर फिलिस्तीनी हैं। इजरायली पुलिस की भारी तैनाती और यहूदियों द्वारा पवित्र स्थल पर बार-बार आने से फिलीस्तीनी नाराज हैं। (Israel Palestinian Gazan Crossing)

शुक्रवार को फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट ने कहा कि पुलिस द्वारा इजरायल से जुड़े पूर्वी यरुशलम के पुराने शहर में परिसर पर धावा बोलने के बाद 57 लोग घायल हो गए, उस समय फिलिस्तीनियों ने वेस्टन वॉल की ओर पत्थर फेंकना शुरू कर दिए, जहां यहूदी सबसे पवित्र स्थल मानकर इबादत करते हैं।

एएफपी के संवाददाताओं ने कहा कि दोपहर की नमाज के बाद कुछ मुस्लिम युवाओं ने एक पुलिस चौकी को नुकसान पहुंचाने की भी कोशिश की।

अल-अक्सा इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है, और इसी क्षेत्र में यहूदी धर्म का सबसे पवित्र स्थल है जहां जिसे टेंपल माउंट के नाम से जाना जाता है। (Israel Palestinian Gazan Crossing)

लंबे समय से चली आ रही परंपरा के अनुसार, यहूदियों को कुछ शर्तों के तहत आने की अनुमति है, लेकिन उन्हें वहां इबादत करने की अनुमति नहीं है।

बहरहाल, बढ़ती अशांति पर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है और इजरायल पुलिस की कार्रवाई की जांच की मांग की है।

संयुक्त राष्ट्र कार्यालय हाईकमीशन की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने कहा, “इजरायल पुलिस द्वारा बल प्रयोग के नतीजे में अल-अक्सा मस्जिद परिसर और उसके आसपास बड़े पैमाने पर लोगों के घायल होने की तत्काल, निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी जांच होनी चाहिए।”


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