CM भगवंत मान ने पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत 184 लोगों की VIP सिक्योरिटी हटाई, विधायकों की पेंशन पर भी उठाए सवाल

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द लीडर। उत्तर प्रदेश सरकार के साथ-साथ पंजाब सरकार भी एक्शन मोड में है. आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य के 184 लोगों की वीआईपी सिक्योरिटी हटा ली है. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्री सहित कई विधायक शामिल हैं जिन्हें पंजाब सरकार ने प्राइवेट सिक्योरिटी दे रखी थी.

इन नेताओं के साथ लगभग 200 से भी ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती थी. अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, गुरदर्शन बराड़, आईपीएस गुरदर्शन सिंह और उदयबीर सिंह (पूर्व कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के बेटे) के परिवार और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उनके परिवार के सदस्यों को भी वीआईपी सुरक्षा मिली थी जिन्हें पंजाब की भगवंत मान सरकार ने अब हटा लिया है.


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इसके साथ ही पंजाब सरकार ने पूर्व कैबिनेट मंत्रियों सुरजीत सिंह रखड़ा और बीबी जागीर कौर, तोता सिंह (शिरोमणि अकाली दल मोगा), कांग्रेस के पूर्व सांसद वरिंदर सिंह बाजवा, संतोष चौधरी और कांग्रेस के पूर्व विधायक दीप मल्होत्रा की सुरक्षा भी वापस लेने का आदेश दे दिया है.

भाजपा नेताओं की भी हटाई सुरक्षा

पंजाब सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश बग्गा, बीजेपी की स्टार प्रचारक माही गिल, बीजेपी जिला अध्यक्ष हरिंदर सिंह कोहली के भी सुरक्षाकर्मियों को अब पंजाब सरकार के आदेश से हटा लिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के विशेष आदेश पर जिन लोगों को पंजाब सरकार ने सुरक्षा प्रदान की थी पंजाब सरकार ने सिर्फ उन लोगों से सुरक्षा नहीं हटाई है. आपको बता दें कि इसके पहले 12 मार्च को भी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 122 सांसदों और विधायकों की वीआईपी सिक्योरिटी हटाई थी.

विधायकों की पेंशन पर भी उठे सवाल

इसके पहले भगवंत मान का पिछले महीने एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें वो कह रहे थे, पूर्व विधायकों को अब सिर्फ एक कार्यकाल के लिए ही पेंशन मिलेगी.

इस वीडियो में उन्होंने ये भी कहा था, भले ही कोई विधायक 5 से 10 साल से चुनाव जीतकर आ रहा हो लेकिन उसे अब सिर्फ एक कार्यकाल के लिए ही पेंशन मिलेगी बाकी का पैसा अब लोगों के कल्याण की योजनाओं पर खर्च किया जाएगा.


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