इजरायली पुलिस का अल अक्सा कैंपस में धावा, जमकर हुई झड़प

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गंभीर तनाव के बीच शुक्रवार का इजरायली पुलिस ने अल अक्सा मस्जिद कैंपस में धावा बोल दिया, जिसके बाद दोतरफा तीखी झड़प हुई और दो दर्जन से ज्यादा फिलिस्तीनी घायल हो गए। (Israeli Police Al Aqsa)

हिंसक तेवर में पहुंची पुलिस ने जब लोगों को खदेड़ने की कोशिश की तो फिलिस्तीनी युवकों ने उनकी तैनाती वाले गेट पर पथराव कर दिया। जिसके बाद झड़प शुरू हो गई। मेडिक्स ने कहा कि कई घंटे चले संघर्ष में दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए, जिनमें ज्यादातर फिलिस्तीनी हैं।

सुरक्षा कारणों से नाम न छापने की शर्त पर दो चश्मदीद फिलिस्तीनियों ने कहा, इजरायली पुलिस जब परिसर में घुसकर रबर की गोलियां चलाने लगी और आंसू गैस के गोले फेंके तो जवाब में फिलिस्तीनी युवाओं ने उनके ऊपर पत्थर फेंके।

वहीं, इजरायली पुलिस का कहना है कि हमास के झंडे लिए फिलिस्तीनियों ने सुबह से ही पत्थरों को जमा करना और कच्चे किले बना शुरू कर दिया था। पथराव के बाद भी हमने परिसर में दाखिल होने से पहले फज्र की नमाज खत्म होने तक इंतजार किया। (Israeli Police Al Aqsa)

उन्होंने कहा, कुछ उम्रदराज फिलिस्तीनियों ने युवाओं से पत्थर फेंकना बंद करने को भी कहा, लेकिन उन्हें नजरअंदाज दर्जनों नकाबपोश युवकों ने पथराव और पेट्रोल बम फेंके। इससे गेट पास पेड़ में आग लग गई और झड़प शुरू हो गई।

दर्जनों फिलिस्तीनियों के एक अन्य समूह ने कहा कि वे जुमे की नमाज से पहले हम परिसर से शांति बनाए रखने की कोशिश की कोशिश में थे, तभी सुबह को यह सब हो गया, पुलिस जब वापस चली गई तो पथराव भी हो गया।

फ़िलिस्तीनी रेड क्रिसेंट चिकित्सा सेवा ने कहा कि कम से कम 31 फ़िलिस्तीनी घायल हो गए, जिनमें 14 को अस्पतालों में ले जाया गया। पुलिस ने कहा कि एक पुलिसकर्मी के चेहरे पर पत्थर से वार किया गया, जिसके चलते उसको अस्पताल ले जाना पड़ा है। (Israeli Police Al Aqsa)

यह तनातनी लगातार बनी हुई है और ताजा घटनाओं ने पिछले साल जैसी नौबत होने की आशंकाओं को बढ़ा दिया है।

यरूशलम के पुराने शहर में अल-अक्सा मस्जिद इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है। विशाल पहाड़ी पर मौजूद इसी जगह यहूदियों का भी सबसे पवित्र माना जाने वाला धर्मस्थल है, जिसे वे टेंपल माउंट कहते हैं। इजरायल-फिलिस्तीन के बीच संघर्ष में यह जगह हमेशा से केंद्र में रही है।

फिलिस्तीनियों और साइट के संरक्षक पड़ोसी देश जॉर्डन ने इजरायल पर लंबे समय से व्यवस्था का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है, जिसमें बड़ी संख्या में यहूदियों को पुलिस एस्कॉर्ट के साथ साइट पर जाने की अनुमति देना भी है।

हाल के वर्षों में यहूदियों द्वारा इस स्थल पर इबादत करने पर लगी रोक खत्म हो गई है, जिससे फिलीस्तीनियों में यह डर पैदा हो गया है कि इजरायल इस स्थल पर कब्जा करने या इसे विभाजित करने की योजना बना रहा है।

इज़राइल का कहना है कि वह यथास्थिति के लिए प्रतिबद्ध है और हमास के उकसावे के चलते हिंसा होती है। इजरायली सुरक्षाबल सिर्फ पत्थरबाजों को हटाने के लिए काम कर रहे हैं, जिससे यहूदियों और मुसलमानों के लिए इबादत की आजादी सुनिश्चित हो सके। (Israeli Police Al Aqsa)

मुसलमानों के पवित्र महीने रमजान के आखिरी 10 दिनों के लिए शुक्रवार से यहूदी समूहों की यात्राओं को रोक दिया गया है, जैसा कि वे पहले भी करते रहे हैं।

इस साल का रमजान सप्ताहभर चलने वाले यहूदी फसह और प्रमुख ईसाई छुट्टियों के साथ शुरू हुआ, तीनों धर्मों के हजारों लोग इसलिए भी अपने धर्मस्थलों पर उमड़े क्योंकि कोरोना वायरस प्रतिबंध दो साल बाद हट गए।

हाल ही में इजरायल में कथित घातक हमलों के बाद कब्जे वाले वेस्ट बैंक में इजरायली सेना और पुलिस की छापेमारी में महीने भर में दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं, जबकि दर्जनभर से ज्यादा की जान भी जा चुकी है। हाल ही में जब इजरायली चरमपंथियों ने अल अक्सा मस्जिद के पास जुलूस निकालकर नारेबाजी की तो माहौल गरमा गया। गाजापट्टी के शासक उग्रवादी समूह हमास ने प्रतिरोध कर इजरायल में तीन रॉकेट दिए, जिसके बाद इजरायल ने एयर स्ट्राइक कर दी।

पुराना शहर पूर्वी यरुशलम में है, जिसे 1967 के मध्यपूर्व युद्ध में इज़राइल ने वेस्ट बैंक और गाजा के साथ कब्जा लिया था। इज़राइल पूर्वी यरुशलम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता को दरकिनार कर पूरे शहर को अपनी राजधानी मानता है। जबकि फिलिस्तीनी स्वतंत्र देश के तौर पूर्वी यरुशलम को अपनी राजधानी के रूप में देखते हैं।


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