इजरायल-फिलिस्तीन में छिड़ी पिछले रमजान जैसी ‘जंग’

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कई दिनों की तनातनी और दर्जनभर फिलिस्तीनियों के मारे जाने के बाद आखिरकार सब्र का बांध टूट गया। फिलीस्तीनी उग्रवादी गुट हमास ने गुरुवार तड़के गाजा पट्टी से दक्षिणी इजरायल में कई रॉकेट दागे और जवाब में इजरायली विमानों ने गाजा में हमास के ठिकानों को निशाना बनाया। यह मंजर बिल्कुल वैसा ही है, जैसा पिछले साल इन्हीं दिनों यानी रमजान में दिखाई दिया था। इस तनाव ने मध्यपूर्व के व्यापार पर भी बड़ा असर डाला है, जिसको लेकर पड़ोसी देशों में बेचैनी है। (Israel-Palestine ‘War’ Ramadan)

बुधवार को झंडा लहराते हुए सैकड़ों इजरायली अति-राष्ट्रवादियों ने यरूशलम के पुराने शहर के आसपास फिलिस्तीनी क्षेत्रों की ओर मार्च किया तो माहौल गरमा गया। इजरायली चरमपंथियों के प्रदर्शन ने फिलिस्तीनियों को उकसाने के लिए नारेबाजी शुरू कर दी। तभी पुलिस ने पुराने शहर के दमिश्क गेट की ओर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया, जो पिछले साल भी अशांति का केंद्र बना था और इज़राइल-हमास के बीच 11 दिन जंग हुई।

इजरायली प्रदर्शनकारी रास्ता बंद होने के बाद भी नहीं माने और पुलिस के साथ धक्का-मुक्की कर बैरिकेड्स के पास रैली कर झंडे लहराए, गीत और नारों से फिलिस्तीनियों को ललकारा।

गाजा में फिलिस्तीनी लड़ाका समूहों – सत्तारूढ़ हमास और छोटे इस्लामिक संगठन ने खुद को यरुशलम में मौजूद अपने पवित्र स्थल के रक्षकों के रूप में तैनात किया है। (Israel-Palestine ‘War’ Ramadan)

बुधवार को हमास ने कहा कि अगर इजरायल ने मार्च करने वालों को “हमारे पवित्र स्थलों तक पहुंचने” की अनुमति दी, तो वह “नतीजा भुगतने को तैयार रहे और इसकी जिम्मेदारी उसकी होगी”।

इस के बाद गाजा से कई रॉकेट इजरायल की ओर दागे जाने की खबर आई। इजरायली सेना ने कहा कि गुरुवार तड़के दागे गए चार रॉकेटों को इजरायल ने ध्वस्त कर दिया। हताहत या संपत्ति के नुकसान की फिलहाल कोई रिपोर्ट नहीं है, और किसी ने भी रॉकेट हमलों का दावा नहीं किया। हालांकि इजरायल राकेट दागने के लिए हमास को जिम्मेदार ठहरा रहा है।

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स्थानीय मीडिया के अनुसार, गुरुवार तड़के इजरायल के लड़ाकू विमानों ने मध्य गाजा पट्टी में एयर स्ट्राइक की। कई सोशल मीडिया पोस्ट में हवा में धुंआ उठता दिखाई दिया। इजरायली सेना ने कहा कि हवाई हमले एक ‘आतंकवादी ठिकाने’ और एक सुरंग के प्रवेश द्वार को टारगेट करके किए गए थे, जो रॉकेट बनाने के लिए रसायनों को रखने वाले अंडरग्राउंड परिसर की ओर जाता था।

सेना ने बाद में कहा कि उसके विमानों ने हमास के एक ठिकाने पर हमला किया, जब गाजा से एक विमान भेदी मिसाइल दागी गई। इसके साथ ही यह भी कहा कि मिसाइल अपने लक्ष्य को भेदने में विफल रही और किसी के हताहत होने या नुकसान की खबर नहीं है। (Israel-Palestine ‘War’ Ramadan)

हाल के हफ्तों में इजरायल के अंदर घातक हमलों की कथित वारदातों के बाद, कब्जे वाले वेस्ट बैंक में इजरायली मिलिट्री ऑपरेशन शुरू किया गया है। इस दरम्यान अल अक्सा परिसर में इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच कई बार तीखी नोकझोंक के बाद तनाव बढ़ गया है।

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पिछले साल भी मई में रमजान के मौके पर ऐसा ही माहौल बना था और गाजा से इजरायली कब्जे वाले यरूशलम की ओर रॉकेट दागे थे। तब भी हजारों इजरायलियों के एक बड़े समूह ने अल-अक्सा और उसके आसपास प्रदर्शन कर ओल्ड सिटी में फ्लैग मार्च किया था। उन घटनाओं के कारण इज़राइल और हमास के बीच 11 दिन का युद्ध हुआ था।

इज़राइली अति-राष्ट्रवादियों ने पूर्वी यरुशलम पर संप्रभुता का दावा करने की कोशिश करने के लिए इस तरह का फ्लैग मार्च किया, जिसे इज़राइल ने 1967 में वेस्ट बैंक और गाजा के साथ कब्जे में ले लिया था, जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं है। इसके बावजूद इजरायल यहां भविष्य की राजधानी बनाने की फिराक में है। वहीं, फिलिस्तीनी तीनों क्षेत्रों में एक स्वतंत्र राज्य चाहते हैं और पूर्वी यरुशलम को अपनी राजधानी मानते हैं। (Israel-Palestine ‘War’ Ramadan)

दरअसल, पुराने शहर में एक पहाड़ी पर मौजूद तीर्थस्थल इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष का भावनात्मक आधार है और पिछले दौर की हिंसा के लिए एक फ्लैशपॉइंट है। यहां मुसलमानों की अल अक्सा मस्जिद है, जिसे इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यहीं यहूदी धर्म का सबसे पवित्र स्थल भी है, जिसे टेंपल माउंट कहा जाता है।


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