द लीडर : राजस्थान की कांग्रेस सरकार में 12वीं कक्षा के राजनीति विज्ञान के छात्रों को ये पढ़ाया जा रहा है कि, ‘इस्लामी आतंकवाद-इस्लाम का ही एक रूप है. पिछले 20-30 सालों में ये अत्यधिक शक्तिशाली बन गया है. आतंकवादियों में किसी एक गुट विशेष के प्रति समर्पण का भाव न होकर एक समुदाय विशेष के प्रति समर्पण भाव है. समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता इस्लामिक आतंकवाद की मुख्य प्रवृत्ति है. पंथ या अल्लाह के नाम पर आत्मबलिदान और असीमित बर्बरता, ब्लैकमेल, जबरन धन वसूली और निर्मम-नृशंस हत्याएं करना, ऐसे आतंकवाद की विशेषता बन गया है. जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पूर्णतया धार्मिक, पृथकतावादी श्रेणी में आता है.’
संजीव प्रकाशन की एक पुस्तक है, संजीव पास बुक्स. ये कक्षा 12 के राजनीति विज्ञान के छात्रों के लिए है. इसमें एक प्रश्न है, इस्लामी आतंकवाद से आप क्या समझते हैं? इसी के जवाब में इस्लाम को आतंकवाद का रूप बताया गया है. मुस्लिम समाज ने इस किताब पर कड़ी आत्ति जताई है, जिसको लेकर विवाद बना है.
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पूर्व आइपीएस अधिकारी अब्दुर्रहमान ने इस किताब की प्रतियों के साथ ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘जब भाजपा राज्य की सत्ता में आई, तब उसने युवाओं के दिमाग में जहर भरने के लिए किताबों को भगवा रंग में रंगना शुरू कर दिया. समाज में विरोधाभास पैदा करने वाली इतिहास की गलत-तथ्यहीन किताबें लिखी गईं. लेकिन जब कांग्रेस सत्ता में आई, तब इसने बहुसंख्यक मतदाताओं के डर से उन गलतियों को दुरुस्त नहीं किया है.
When BJP comes to power in states, it starts saffronization of text books poisoning young minds. Writes false& baseless history books which create conflicts in society. But when Congress returns to power, it doesn't correct these wrongs for fear of majority votes.@ashokgehlot51 pic.twitter.com/6yq823H8Wd
— Abdur Rahman (@AbdurRahman_IPS) March 17, 2021
राजस्थान अल्पसंख्यक कांग्रेस के राज्य समन्वयक व मुस्लिम फोरम के समन्वयक मोहसिन रशीद बताते हैं कि, ‘हमारी मांग है कि प्रकाशक और लेखक के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की जाए. किसी बुराई को धर्म के साथ कैसे जोड़ सकते हैं. ये कोई पहला मामला नहीं है. डेढ़ साल पहले भी राज्य में बीएड सेकेंड ईयर की एक पुस्तक में इस्लाम को लेकर गलत तथ्य लिखे गए थे. तब भी हमने विरोध किया था.’
मोहसिन रशीद कहते हैं कि इस संबंध में हमने शिक्षा मंत्री भी संपर्क किया लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला है. कमिश्नर से दो बार मिल चुके हैं. अब तक एफआइआर नहीं लिखी गई. वह कहते हैं कि अभी तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान या सरकार ने इसका संज्ञान नहीं लिया है.
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राजस्थान में जमात-ए-इस्लामी के विरोध पर प्रकाशन ने खेद प्रकट करते हुए एक माफी पत्र जारी किया है. ये कहते हुए कि लेखक की गलती से कुछ गलत शब्द छप गए हैं, जिससे आप लोगों को ठेस पहुंची है. इसके लिए हम क्षमाप्रार्थी हैं. प्रकाशक ने ये भी कहा है कि किताब की सभी प्रतियां बिक्री से रोक दी गई हैं.
इस संबंध में हमने राजस्थान के शिक्षामंत्री से बात करने का प्रयास किया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. उनका जवाब मिलते ही समाचार अपेडट किया जाएगा.