
द लीडर : बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के ख़िलाफ़ शनिवार को देश के कई हिस्सों में प्रोटेस्ट हुए हैं. स्टूडेंट्स, मानवाधिकार एक्टिविस्ट और नागरिक संगठनों के साथ आम लोगों ने बिलकिस के दोषियों को जेल भेजने की आवाज़ उठाई है. दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित प्रदर्शन में बॉलीवुड अभिनेत्री शबाना आज़मी भी शामिल हुईं, जो बातचीत के दौरान भावुक हो गईं. (Bilkis Bano Gujrat Riots)
बिलकिस बानो साल 2002 के गुजरात दंगों की पीड़िता हैं. वह पांच महीने की गर्भवती थीं, तभी एक भीड़ ने उनके घर पर हमला कर दिया था. परिवार के दर्जनभर लोगों की हत्या कर दी. और बिलकिस बानो, उनकी मां-बहन के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था. बाद में बिलकिस की तीन महीने की बेटी को क़त्ल कर दिया था.
बिलकिस बानो के 11 दोषी पिछले 14 सालों से आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे थे. लेकिन इसी 15 अगस्त को गुजरात सरकार के एक आदेश पर उन्हें रिहा कर दिया गया है. रिहाई के बाद बलात्कार और हत्या के दोषियों का ज़ोरदार स्वागत किया गया. आरती उतारी गई. (Bilkis Bano Gujrat Riots)
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रूह कंपाने वाली घटना को अंजाम देने वाले दोषियों की रिहाई और उस पर उनके स्वागत की तस्वीरों ने इंसाफ़ और इंसानियत के पक्षधर इंसानों को झकझोर दिया है. जिसके विरोध में लगातार आवाजें उठ रही हैं.
शनिवार को दिल्ली के अलावा कर्नाटक के कई क्षेत्रों में भारी प्रदर्शन हुए हैं. जहां एक सुर में दोषियों को जेल भेजने की मांग की गई है. दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी एक ऐसा ही प्रोटेस्ट हुआ. जिसमें नागरिक समाज के सैकड़ों लोग शामिल हुए. अभिनेत्री शबाना आज़मी ने इसका हिस्सा बनी है.
शायद ये पहला ऐसा प्रोटेस्ट है, जो दोषियों की रिहाई के बाद इतने बड़े पैमाने पर सामने आया है. बिलकिस बानो के केस में राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर उतनी बेचैनी नज़र नहीं आती है, आमतौर पर जितनी महिला अपराधों के ख़िलाफ़ दिखती रही है. मुस्लिम समुदाय इसके ख़िलाफ़ मुख़र है, तो देश के बाक़ी समाज के बुद्धिजीवी, कार्यकर्ता और नौजवान भी विरोध कर रहे हैं. (Bilkis Bano Gujrat Riots)