द लीडर : देश के कम से कम छह राज्यों में जब धार्मिक जुलूस और रैलियों के दौरान हिंसक घटनाएं सामने आई हैं. बिहार-झारखंड में ये सांप्रदायिक टकराव होते-होते टला. तब यूपी सरकार ने राज्य में बिना अनुमति के धार्मिक जुलूस निकालने पर रोक लगा दी है. ईद के दिन ही संभावित अक्षय तृतीया है. मुख्यमंत्री ने योगी आदित्यनाथ ने 4 मई तक के लिए सभी पुलिस-प्रशासन अधिकारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी हैं. और अपने ड्यूटी स्थल पर सक्रियता के साथ तैनात रहने का निर्देश दिया है. (Processions Banned In UP)
मुख्यमंत्री के इस प्रयास की मुस्लिम समुदाय के बीच से भी सराहना हो रही है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने मुख्यमंत्री के हवाले से कहा कि, रमजान का महीना चल रहा है. ईद का त्योहार और अक्षय तृतीया एक ही रोज होना संभावित है. मौजूदा हालात को देखते हुए पुलिस ज़्यादा अलर्ट रहना होगा. थाना अध्यक्ष से लेकर एडीजी तक अपने क्षेत्रों के धर्मगुरुओं और समाज के प्रतिष्ठित लोगों के साथ बैठक कर संवाद बनाए रखें.
सरकार ने अधिकारियों की छुट्टियां 4 अमई तक के लिए निरस्त करते हुए कहा कि जो लोग अवकाश पर हैं वो तत्काल अपनी ड्यूटी पर लौट जाएं. संवेदनशील इलाकों में पैनी नज़र रखें. (Processions Banned In UP)
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मुख्यमंत्री ने कहा कि, राज्य में बिना विधिवत अनुमति के कोई भी शोभायात्रा या जुलूस नहीं निकाला जाएगा. इसकी अनुमति देने से पहले आयोजकों को शांति-सौहार्द बनाए रखने का शपथ पत्र देना होगा. केवल उन्हीें आयोजकों को अनुमति मिलेगी, जो पांरपरिक हों. नए आयोजनों की अनावश्यक अनुमति नहीं दी जाएगी. शासन ने स्पष्ट किया कि जो कोई माहौल ख़राब करने की कोशिश करेगा. उसके विरुद्ध सख़्त कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री के आदेश के साथ ही ज़िलों में अधिकारी शांति व्यवस्था की कोशिशों में जुट गए हैं. बरेली में ज़िलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने धर्मगुरुओं के साथ पीस कमेटी की बैठक की है. शासन के निर्देशों से अवगत कराया. और समाज के बीच शांति व्यवस्था बरकरार रखने का पैगाम आम करने की बात कही है. (Processions Banned In UP)
इसी के साथ यूपी ऐसा पहला राज्य है, जहां ईद के मद्देनज़र इस तरह की तैयारियां शुरू हुई हैं. यही वजह है कि राज्य के मुस्लिम समुदाय के लोग इन कोशिशों की सराहना कर रहे हैं.
दरअसल, धार्मिक जुलूस और रैलियों को लेकर ही देश के कई जगहों पर हिंसा भड़क चुकी है. हाल ही में दिल्ली के जहांगीरपुरी और उत्तराखंड के रुड़की स्थित जलालपुर गांव में हिंसा हुई. इससे पहले मध्यप्रदेश के खरगौन, राजस्थान के करौली, गुजरात के हिम्मतनगर और कर्नाटक में हिंसक घटनाएं हुई हैं. अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ हिंसक और आपत्तिजनक नारे-गाने बजाए गए. और हथियारे लहराते हुए मस्जिदों पर भगवा झंडा लगाए गए. इसी को लेकर हिंसा भड़की.
चूंकि कई जगहों पर बिना अनुमति के जुलूस निकालने के दौरान हिंसा की वारदातें हुई हैं. इसलिए यूपी में बिना अनुमति के जुलूस पर प्रतिबंध को शांति व्यवस्था की अच्छी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. (Processions Banned In UP)