दिल्ली के जहांगीरपुरी के साथ उत्तराखंड के रुड़की में हिंसा, दहशत में गांव छोड़ गए मुसलमान

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Violence Delhi Rurki Muslims
रुड़की के डाडा जलालपुर गांव में हिंसा के बाद जले हुए वाहन.

द लीडर : नफ़रत और सांप्रदायिकता की लपटें हर रोज़ तेज होती जा रही हैं. 2 अप्रैल को राजस्थान के करौली से हिंसा की जो शुरुआत हुई. मध्यप्रदेश के खरगौन, गुजरात के हिम्मतनगर, कर्नाटक, दिल्ली के जहांगीरपुरी से लेकर उत्तराखंड के रुड़की तक. हर जगह एक जैसा ही खौफनाक मंजर है. अब तक इन छह राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा या झड़प की घटनाएं हो चुकी हैं. स्थिति कंट्रोल में ज़रूर है, लेकिन हालात सामान्य नज़र नहीं आते. उत्तराखंड और दिल्ली में माहौल बिगाड़ने वाली तस्वीरों का आना जारी है. (Violence Delhi Rurki Muslims)

ताजा घटनाक्रम दिल्ली के जहांगीरपुरी और उत्तराखंड के रुड़की का है. जहांगीरपुरी चूंकि दिल्ली में है, इसलिए यहां की घटना देश की नज़र में थोड़ी देरी से आई. रुड़की के डाडा जलालपुर गांव में हनुमान जयंती पर शोभा यात्रा निकाली गई थी. मस्जिद के बाहर डीजी बजाने को लेकर कहासुनी के बाद विवाद गया. और हिंसा भड़क गई.

बेकाबू भीड़ ने कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया. पुलिस ने खुर्शीद, रियाज, रहीस और इसरार समेत दर्जनों नामजद और 40 अज्ञात के ख़िलाफ केस दर्ज किया है. हिंसा और पुलिस कार्रवाई के डर से मुस्लिम समुदाय के अधिकांश लोग गांव छोड़कर चले गए हैं. और जो बचे हैं-उनमें दहशत का आलम है.

पुलिस ने 11 लोगों को जेल भेजा है. सभी आरोपी मुस्लिम समुदाय के हैं. लेकिन दक्षिणपंथी समूह इतने भर से संतुष्ट नहीं है. वो और लोगों की गिरफ़्तारी की मांग कर रहे हैं. ऐसा न होने पर धमकियां दी जा रही हैं. (Violence Delhi Rurki Muslims)


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इस साल अप्रैल में देश के विभिन्न राज्यों से इसी तरह की हिंसक और हैरानी भरी ख़बरें सामने आ रही हैं. नवरात्रि और हनुमान जयंती, दोनों पर्वों पर जुलूस और शोभा यात्राएं निकाली गईं. ये यात्राएं मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में मस्जिदों के पास पहुंची. हिंसक और आपत्तिजनक नारे-गाने बजाए गए. यात्राओं में शामिल भीड़ तलवार, छुरी, तमंचे लहारती रही. मस्जिदों में झंडे लगाए या लगाने की कोशिशें कीं.

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)के अध्यक्ष असदुद्​दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि ये हिंसा सरकारों की मर्जी से हो रही है और संगठित रूप से मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है. ओवैसी ने सवाल उठाए हैं कि यात्राओं में हथियार लहराने, मुसलमानों को गाली देने मस्जिदों पर झंडा लगाने की इजाज़त किसने दी है?

दरअसल, बिहार, झारखंड, कर्नाटक, दिल्ली, गुजरात, गाेवा, राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि राज्यों इन यात्राओं के दौरान मस्जिदों पर भगवा झंडे लगाए जाने की घटनाएं हुई हैं. इसी को लेकर विवाद हुए. मध्यप्रदेश का खरगौन हो या राजस्थान, कर्नाटक, दिल्ली और उत्तराखंड-हर जगह बड़ी संख्या में मुसलमानों को आरोपी बनाया गया है. (Violence Delhi Rurki Muslims)

जबकि मुस्लिम समुदाय की ओर से एफआइआर तक मुश्किल से दर्ज की गई हैं. इन घटनाओं को लेकर कई मुस्लिम सामाजिक संगठनों ने सुप्रीमकोर्ट जाने की तैयारी की है. कुछ ने हिंसा के बाद मुसलमानों के मकान और दुकानों पर बुल्डोजर चलाने की कार्रवाई को कोर्ट में चैलेंज भी किया है. जमीयत उलमा-ए-हिंद के अलावा ओवैसी ने कोर्ट जाने की बात कही है.

इस सबके बीच कई धर्मगुरुओं और बाबाओं की ओर से लगातार हिंसक उकसावे वाले बयानों का आना जारी है. जिसमें मुसलमानों के नरसंहार की अपील की जा रही है. सामूहिक हिंसा और नरंसहार के बयानों पर पुलिस-प्रशासन और शासन का एक्शन न लेना ज़्यादा परेशान करने वाला है. और इससे मुस्लिम समुदाय के बीच असुरक्षा का भाव तेजी से फैलता नज़र आ रहा है. (Violence Delhi Rurki Muslims)


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