झारखंड को प्रधानमंत्री मोदी ने दी 35,700 करोड़ की सौगात, राष्ट्र को समर्पित किया उर्वरक संयंत्र

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द लीडर हिंदी : झारखंड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज शुक्रवार 1 मार्च को 35,700 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया.उन्होंने सिंदरी में कई रेल परियोजनाओं को हरि झंडी दिखाई. प्रधानमंत्री ने धनबाद जिले के सिंदरी में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) का 8,900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित उर्वरक संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां लोगों को संबाेधित करते हुए भारत की अर्थव्यवस्था के आंकड़ों को उत्साह से भरने वाला बताया. बता दें इस संयंत्र से देश में हर साल लगभग 12.7 एलएमटी (लाख मीट्रिक टन) स्वदेशी यूरिया उत्पादन बढ़ेगा जिससे देश के किसानों को लाभ होगा.

गोरखपुर और रामागुंडम में उर्वरक संयंत्रों के कायाकल्प के बाद यह देश में दोबारा चालू होने वाला तीसरा उर्वरक संयंत्र है. प्रधानमंत्री ने गोरखपुर में उर्वरक संयंत्रों को दिसंबर 2021 और रामागुंडम में उर्वरक संयंत्रों को नवंबर 2022 में राष्ट्र को समर्पित किया था. पीएम मोदी ने झारखंड में 26,000 करोड़ रुपये से अधिक की रेल, बिजली और कोयला परियोजनाओं की भी शुरुआत की.

इसके बाद उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज यहां सिंदरी उर्वरक कारखाने का लोकार्पण किया गया है. मैंने संकल्प लिया था कि सिंदरी के इस खास कारखाने को जरूर शुरू करवाउंगा. ये मोदी की गारंटी थी और आज ये गारंटी पूरी हुई है. मैं 2018 में इस फर्टिलाइजर प्लांट का शिलान्यास करने आया था. आज सिर्फ सिंदरी कारखाने की ही शुरुआत नहीं हुई है, बल्कि रोजगार के हजारों नए अवसरों की भी शुरुआत हुई है.

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत तेजी से यूरिया के मामले में आत्मनिर्भर होने की तरफ बढ़ रहा है. इससे ना सिर्फ विदेशी मुद्रा की बचत होगी, बल्कि वो पैसा किसानों के हित में खर्च हो सकेगा. बीते 10 सालों में हमने जनजातीय समाज, गरीबों, युवाओं और महिलाओं को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाकर झारखंड के लिए काम किया है.

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बता दें हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) का सिंदरी उर्वरक संयंत्र को 8900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है. यह यूरिया क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम है. इससे पहले प्रधानमंत्री विमान से पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर पहुंचे और वहां से हेलीकॉप्टर से धनबाद आए.