द लीडर | महामहिम रामनाथ कोविंद के बाद भारत के 15वें राष्ट्रपति कौन होंगे, इसे लेकर हर एक देशवासी के मन में जिज्ञासा है. चुनाव आयोग अब से थोड़ी ही देर में देश में अगले राष्ट्रपति पद के लिए होनेवाले चुनाव की तारीख और पूरे कार्यक्रम का ऐलान करनेवाला है. आज दोपहर तीन बजे चुनाव आयोग द्वारा सीईसी श्री राजीव कुमार चुनाव आयोग श्री अनूप चंद्र पांडे के साथ भारत के राष्ट्रपति के कार्यालय, 2022 ने चुनाव की तारीखों की घोषणा की. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान होगी और मतगणना 21 जुलाई को होगी.
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— Election Commission of India #SVEEP (@ECISVEEP) June 9, 2022
चुनाव आयुक्त ने बताया कैसे होगा चुनाव
निर्वाचक को केवल नामित अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए एक विशेष पेन से उम्मीदवारों के नामों के सामने वरीयताएँ अंकित करनी होती हैं. निर्दिष्ट दिनों में प्रातः 11 बजे से 3 बजे के बीच अभ्यर्थी द्वारा स्वयं या उसके किसी प्रस्तावक या समर्थक द्वारा नामांकन दाखिल किया जा सकता है. चुनावी प्रक्रिया के सभी चरणों में सभी संबंधित कोविड -19 सुरक्षा उपायों और प्रोटोकॉल को लागू किया जाएगा.
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है और नए राष्ट्रपति को 25 जुलाई तक शपथ ले लेना है. इससे पहले साल 2017 में 17 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुआ था. लोक सभा, राज्य सभा और विधान सभा के सदस्य मिल कर राष्ट्रपति के चुनाव के लिए निर्वाचन मंडल बनाते हैं और फिर चुनाव संपन्न होता है.
कैसे होता है राष्ट्रपति का चुनाव?
भारत में राष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज सिस्टम के जरिए होता है, जिसमें सांसद और विधायक मतदान करते हैं। चुनाव आयोग की देखरेख में यह पूरी प्रक्रिया होती है. अब सवाल कि क्या होता है इलेक्टोरल कॉलेज? यह ऊपरी और निचले सदन के चुने हुए सदस्यों से मिलकर बनता है. साथ ही इसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा के चुने हुए सदस्य भी शामिल होते हैं. आंकड़ों के लिहाज से बात करें, तो इस चुनाव में 4 हजार 896 मतदाता होंगे. इनमें 543 लोकसभा और 233 राज्यसभा सांसद, सभी राज्यों के 4 हजार 120 विधायक शामिल हैं.
भाजपा के पास 48.9% वोट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव के लिए सरकार अपने सहयोगियों और सहयोगी दलों के साथ आम सहमति चाहती है, ताकि अगले राष्ट्रपति का चुनाव आसानी से हो जाए. रिपोर्ट के अनुसार एनडीए के पास सभी सांसदों और विधायकों के 48.9% वोट हैं. भाजपा राष्ट्रपति के अपने उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस से समर्थन लेने के लिए संपर्क कर रही है.
-देश के सभी निर्वाचित सांसद और विधायक इसमें वोट देते हैं।
– 776 सांसद हैं लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर
-708 होती है हर सांसद के वोट की वैल्यू
– 4120 हैं देश के सभी राज्यों के कुल विधायक
-5,49,408 हैं सांसदों के कुल वोट की वैल्यू
-5,49,474 हैं विधायकों के कुल वोट
-549441 वोट चाहिए राष्ट्रपति बनने के लिए
राष्ट्रपति चुनाव 2022 का पूरा कार्यक्रम
-चुनाव की अधिसूचना – 15 जून 2022
-नामांकन की अंतिम डेट – 29 जून 2022
-नामांकन पत्रों की जांच की अंतिम डेट – 30 जून 2022
-नाम वापस लेने की अंतिम डेट – 2 जुलाई 2022
-राष्ट्रपति चुनाव 2022 डेट – 18 जुलाई 2022
-मतगणना – 21 जुलाई 2022
-नए राष्ट्रपति शपथ – 25 जुलाई 2022
वोटों की गिनती
प्रेजिडेंट के चुनाव में सबसे ज्यादा वोट हासिल करने से ही जीत तय नहीं होती है. प्रेजिडेंट वही बनता है, जो वोटरों यानी सांसदों और विधायकों के वोटों के कुल वेटेज का आधा से ज्यादा हिस्सा हासिल करे। इस समय प्रेजिडेंट इलेक्शन के लिए जो इलेक्टोरल कॉलेज है, उसके सदस्यों के वोटों का कुल वेटेज 1098882 है. जीत के लिए कैंडिडेट को हासिल करने होंगे 549441 वोट.
ये सदस्य नहीं लेते राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा
चुनावी कॉलेज में राज्यसभा या लोकसभा या विधानसभाओं के नामांकित सदस्य मतदान के योग्य नहीं होते हैं और वे चुनाव में भाग नहीं लेते हैं. इसी तरह विधान परिषदों के नामित सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव में मतदाताओं के तौर पर शामिल नहीं होते हैं. 2017 में राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई को हुआ था और मतगणना 20 जुलाई को हुई थी.
चार बार से वाइस प्रेजिडेंट से प्रेजिडेंट नहीं
पिछले चार बार से वाइस प्रेजिडेंट को प्रेजिडेंट बनाने की परंपरा टूट गई है. कृष्णकांत और भैरों सिंह शेखावत को वाइस प्रेजिडेंट पद से प्रेजिडेंट बनने का मौका नहीं मिला. उनके बदले एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल प्रेजिडेंट बनीं. 2 बार वाइस प्रेजिडेंट रहे हामिद अंसारी को दोनों बार प्रेजिडेंट बनने का मौका नहीं मिला.