मुसलमानों की हिफाजत नहीं मुसीबत है अलकायदा, मायने नहीं रखती कोई भी धमकी : केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी

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द लीडर। देश में पैगंबर मोहम्मद के अपमान को लेकर विवाद मचा हुआ है। वहीं इस्लामिक देश भी पैगंबर मोहम्मद के अपमान की निंदा कर रहे हैं। पैगंबर मोहम्मद के विवाद के बीच अलकायदा की ओर से भारत में आतंकी हमले की धमकी दी गई है। जिसकी निंदा करते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि, अलकायदा मुसलमानों की हिफाजत नहीं मुसीबत है।

भारत में पैर जमाने में विफल रहा अलकायदा

भाजपा के पूर्व प्रवक्ताओं की टिप्पणी के बाद भारत में आतंकी हमले की अलकायदा की धमकी को सुरक्षा एजेंसियां ज्यादा महत्व नहीं दे रही हैं। क्योंकि तमाम कोशिशों के बावजूद अलकायदा भारत में पैर जमाने में विफल रहा है।


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मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने की धमकी की निंदा

एक सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, अलकायदा का बयान धमकी से ज्यादा भारतीय मुसलमानों से अपील करता हुआ है। वह इस बीच अलकायदा की धमकी की निंदा करते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि, अलकायदा मुसलमानों की हिफाजत नहीं बल्कि मुसीबत है।

सच्चाई यह है कि, अलकायदा इस्लाम को सुरक्षा कवच बनाकर इंसानियत को लहूलुहान करता है। हर भारतीय उसकी हकीकत को जानता है। और इसीलिए भारत में उसका नापाक इरादा कभी सफल नहीं हो सका।

भारत में अल्पसंख्यक सबसे ज्यादा सुरक्षित

उन्होंने कहा कि, अल्पसंख्यकों के लिए भारत को सबसे सुरक्षित स्थान कहा जाता है। भारत में सह अस्तित्व का समावेश संस्कार है जो किसी भी संकीर्ण सांप्रदायिक साजिश का शिकार नहीं हो सकता है। दुनिया भर में रहने वाले हर 10 मुसलमान में से एक मुसलमान भारत में सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, धार्मिक , संवैधानिक स्वतंत्रता व सुरक्षा के साथ रह रहा है।

उन्होंने कहा कि, पड़ोस के इस्लामिक देश में अल्पसंख्यकों के साथ जुल्म हो रहा है। बंटवारे के बाद भारत में जहां 8% अल्पसंख्यक थे वही आज कुल जनसंख्या का 22% से ज्यादा है। जबकि पाकिस्तान में बंटवारे के बाद अल्पसंख्यक 24% से घटकर 2% से भी कम रह गए हैं।

अलकायदा के मंसूबों को नहीं होने दिया कामयाब

बता दें कि, आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर नजर रख रहे सुरक्षा एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अलकायदा लंबे समय से भारत में अपने पैर जमाने की कोशिश करता रहा है। लेकिन भारतीय एजेंसियों ने उसके मंसूबे को कभी सफल नहीं होने दिया।

2014 में अल कायदा प्रमुख अल जवाहिरी भारतीय उपमहाद्वीप के लिए अलकायदा की अलग शाखा स्थापित करने की घोषणा की थी। और असीम उमर को भी इसका अमीर बनाया था। लेकिन 2019 में असीम उमर की अफगानिस्तान पाकिस्तान बॉर्डर पर ड्रोन हमले में मारे जाने के बाद उसकी जगह कोई नया अमीर अभी तक नहीं बनाया गया है।

उनके अनुसार, अलकायदा एक तरह से स्वीकार कर चुका है कि, भारत में उसके पैर जमाने की कोई जगह नहीं है। सच्चाई यही है कि अलकायदा खुद भारत में किसी भी आतंकी हमले को अंजाम देने में अभी तक सफल नहीं रहा है। और आगे भी इसकी आशंका कम ही नजर आ रही है।

नबी की शान में गुस्ताखी को लेकर मुस्लिमों में आक्रोश

फिलहाल देश में पैगंबर मोहम्मद के अपमान को लेकर मुसलमानों में आक्रोश है। वहीं सरकार ने विवादित बयान देने वाली भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा पर कार्रवाई कर उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। जिसकी इस्लामिक देशों ने भी सराहना की है।


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