राष्ट्रपति कोविंद ढाका में रमना काली मंदिर जाएंगे, जिसे पाकिस्तानी सेना ने 1971 में तोड़ा

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बांग्लादेश के 50वें विजय दिवस समारोह में शामिल होने के लिए बांग्लादेश यात्रा के दौरान ढाका के ऐतिहासिक रमना काली मंदिर का दौरा करेंगे। यह काली मंदिर मुगलकाल का है। मार्च 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम को रोकने की कोशिश में इसे पाकिस्तानी सेना ने नष्ट कर दिया था। इस दौरान पाकिस्तानी बलों ने मंदिर में मौजूद लोगों का नरसंहार किया। (President Kovind Kali Temple)

बांग्लादेश युद्ध के दौरान “ऑपरेशन सर्चलाइट” के तहत पाकिस्तानी सेना द्वारा मंदिर को नष्ट करने की घटना में तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में लाखों स्थानीय लोग मारे गए थे, जिनमें अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय ही नहीं बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय लोग भी शामिल थे।

साल 2017 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बांग्लादेश यात्रा के दौरान यह घोषणा की गई थी कि भारत मंदिर के पुनर्निर्माण में मदद करेगा। विनाश से पहले मंदिर ढाका की प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत में शुमार रहा था।

7 मार्च 1971 को बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के प्रसिद्ध संबोधन के दौरान कई तस्वीरों में इस मंदिर को पृष्ठभूमि में देखा जा सकता है। यह ऐतिहासिक भाषण पश्चिमी पाकिस्तान से देश की स्वतंत्रता के लिए आह्वान था और शहर के रमना रेस कोर्स मैदान में दिया गया था। (President Kovind Kali Temple)

राष्ट्रपति कोविंद 15 से 17 दिसंबर तक ढाका में रहेंगे और 16 दिसंबर को विजय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। परेड में भारतीय सशस्त्र बलों से 122 सदस्यीय त्रि-सेवा दल शामिल होगा। यात्रा के पहले दिन बुधवार को राष्ट्रपति सावर में राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि देंगे। इसके अलावा बांग्लादेशी मुक्ति योद्धाओं से भी मुलाकात करेंगे, जिन्होंने देश को मुक्त कराने के लिए हथियार उठाए।

COVID-19 महामारी के बीच राष्ट्रपति कोविंद की यह पहली विदेश यात्रा है। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च में बांग्लादेश के स्वर्ण जयंती समारोह में शिरकत की थी। तब कोविड-19 संकट के बीच 2019 के बाद से उनकी पहली विदेश यात्रा थी। (President Kovind Kali Temple)

2021 बांग्लादेश की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती, भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 साल और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी का प्रतीक है।


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