बेरोज़गारी दूर करने का दम भरने वाले तेजस्वी की सरकार में बेरोज़गारों को ही मारने पर तुले अफ़सर

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Patna ADM Unemployment Protestors
पटना में नौकरी की मांग करने वाले अभ्यर्थियों को बर्बरता से पीटती पुलिस के साथ एडीएम केके सिंह.

द लीडर : बिहार की राजधानी पटना में तिरंगा लेकर नौकरी मांगने निकले बेरोज़गारों की पिटाई की तस्वीर दिल दहलाने वाली है. बल्कि जंगलराज के उस दौर में ले जाती है, जो लालू यादव के शासनकाल पर चस्पा किया गया था. 10 लाख नौकरियां देने का दम भरने वाले उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की सरकार में अपर ज़िलाधिकारी केके सिंह रोज़गार की आवाज़ों को कैसे कुचल रहे हैं-वीडियो देख लीजिएगा. (Patna ADM Unemployment Protestors )

तस्वीरें पटना के डाक बंगला की है. शिक्षक भर्ती अभ्यर्थी प्रोटेस्ट कर रहे हैं. जहां पुलिस उन्हें रोकने में जुटी है. अभ्यर्थियों की आवाज़ें नहीं थमीं तो लाठीचार्ज़ कर दिया. एक नौजवान हाथ में तिरंगा लिए हैं. पुलिस उसे पीटकर गिरा देती है. बाद में एडीएम केके सिंह उस नौजवान पर बेरहमी से लाठियां बरसाते हैं. लेकिन नौजवान तिरंगा नहीं छोड़ता, तो एडीएम उसके हाथों पर लाठियां मारते हैं और सीने पर. एडीएम केके सिंह ये दुस्साहस ऑन कैमरा करते हैं.

केके सिंह पर पटना के क़ानून व्यवस्था की ज़िम्मेदारी है. वीडियो में देखा जा सकता है कि वो ख़ुद क़ानून का किस तरह से पालन करते हैं. वीडियो वायरल होने पर एडीएम के ख़िलाफ आक्रोश दिखाई दे रहा है. और उनके ख़िलाफ़ कठोर एक्शन की मांग हो रही है. कई पत्रकारों ने ये सवाल उठाया कि केके सिंह को लाठी बरसाने का अधिकार किसने और किस क़ानून के तहत दिया है?


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इस घटना पर विपक्षी दल भाजपा आक्रामक हो गई है. और नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव की गठबंधन वाली सरकार को जंगलराज बता रही है. पटना में एडीएम ने बेरोज़गारों के प्रोटेस्ट को जि तरह से कुचला है, वो ख़ाैफ़नाक है. (Patna ADM Unemployment Protestors)

इस मामले में उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पटना के डीएम से बात की है. डीएम ने जांच कमेटी बनाई है, जो मामले की जांच करेगी. लेकिन क्या तेजस्वी यादव फ़ौरन कोई एक्शन लेंगे? जिसकी उनसे मांग की जा रही है. इसलिए, क्योंकि जब पिछली सरकार में छात्र, नौजवानों पर पुलिसिया कार्रवाई होती थी, तो तेजस्वी सरकार और भाजपा को कोसते थे. लेकिन अब उन्हीं की सरकार में जनरल डायर की पुलिस जैसा बर्बर एक्शन हो रहा है.

पटना की इस घटना ने तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. क्योंकि विधानसभा का चुनाव ही उन्होंने शिक्षा और रोज़गार के मुद्​दे पर लड़ा था. पिछले दिनों ही भाजपा के गठबंधन वाली नीतीश सरकार गिरी है. तो नीतीश ने आरजेडी के सहयोग से सरकार बनाई. लेकिन तेजस्वी के सामने रोज़गार के वही मुद्​दे खड़े हैं, जिन पर उन्होंने चुनाव लड़ा था. उप-मुख्यमंत्री बनने के बाद भी तेजस्वी ने अपने वादे के मुताबिक 10 लाख नौकरियां देने की बात दोहराई है. और उसके चंद रोज़ बाद पटना की सड़कों पर बेरोज़गारों पर जुल्म की सीमाएं लांघने वाली घटना सामने आ गई. (Patna ADM Unemployment Protestors)


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