लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के दौरान चुनाव ड्यूटी करते हुए शिक्षकों की मौत को लेकर लगातार असमंजस की स्थिति बनी हुई है ।जहां प्राथमिक शिक्षक संघ की तरफ से यह दावा किया जा रहा है कि पंचायत चुनाव के दौरान 1621 शिक्षकों की मौत हुई ।वहीं सरकार की तरफ से जारी आकड़ो में माना गया है कि सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत ही चुनाव ड्यूटी के दौरान हुई।जिससे शिक्षक संघ में तो नाराजगी है ही। साथ ही विपक्ष भी सरकार को घेरने का प्रयास कर रहा है ।कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए यह लिखा कि संवेदनहीन यूपी सरकार झूठ बोलकर मृत शिक्षकों की संख्या तीन बता रही है, शिक्षकों को जीते जी इलाज नहीं मिला और मृत्यु के बाद सरकार उनका सम्मान भी छीन रही हैं।
प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा “पंचायत चुनाव में ड्यूटी करते हुए मारे गए 1621 शिक्षकों की उप्र शिक्षक संघ द्वारा जारी लिस्ट को संवेदनहीन यूपी सरकार झूठ कहकर मृत शिक्षकों की संख्या मात्र 3 बता रही है। शिक्षकों को जीते जी उचित सुरक्षा उपकरण और इलाज नहीं मिला और अब मृत्यु के बाद सरकार उनका सम्मान भी छीन रही है। “
दरअसल सरकार के आंकड़े में उन्हीं शिक्षकों की चुनाव ड्यूटी के दौरान मृत्यु मानी गई है जो मतदान स्थल या मतगणना स्थल में हुई या आने-जाने के समय बीच में हुई। वही शिक्षक और कर्मचारी संघों का कहना है की पंचायत चुनाव की ट्रेनिंग से लेकर मतगणना तक जिनकी संक्रमण के कारण जिनकी मृत्यु हुई उनको भी इसमें सम्मिलित किया जाए क्योंकि चुनाव ड्यूटी में संक्रमित होने के बाद में कई शिक्षकों की मौत हुई।
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