पुलवामा कांड: वह वैलेंटाइन डे, जब युवा आंसू बहाने लगे

0
1048

वैलेंटाइन डे इसलिए मनाया जाता है कि एक पादरी को प्रेम संदेश देने पर फांसी दे दी गई। लेकिन भारत के युवाओं के लिए यह दिन एक दूसरे मायने में भी दर्दनाक यादगार है। इसी दिन मुहब्बत के आगोश सबकुछ भूले बैठे थे कि उनके पास सदमा लगने की खबर आ गई और आंसुओं में डूब गए। देश से प्यार को चोट पहुंची, गम और गुस्से में नींद उड़ गई।

बताया जाता है कि तीसरी शताब्दी में रोम के सम्राट ने प्रेम करने वालों पर जुल्म ढाए तो पादरी वैलेंटाइन ने सम्राट के आदेशों को न मानकर कर प्रेम का संदेश दिया। इस आरोप में पहले उन्हें जेल में डाला गया और 14 फरवरी 270 को फांसी पर लटका दिया गया। प्रेम के लिए बलिदान देने वाले इस संत की याद में हर वर्ष 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाने का चलन शुरू हुआ।

14 फरवरी 2019 का दिन भी इस संत के नाम पर युवाओं के मन पर छाया था। गुलाबी ठंड में प्यार का खुमार में अधिकांश युवाओं के चेहरों पर उम्मीदों की रौनक देखी जा सकती थी।

दोपहर तक सब ठीक चल रहा था कि अचानक सबके दिल को धक्का लगा और वे सुबकने लगे। टेलिविजन के हर चैनल से लेकर न्यूज पोर्टल पर एक ही खबर नई अपडेट के साथ दिख रही थी।


भारतीय सेना प्रमुख की चीन को लेकर चिंता, म्यांमार मिलिट्री के साथ चलेगा ‘ऑपरेशन सनराइज’


यह खबर थी कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर आतंकी हमला, जिसमें 39 जवान मारे गए और दर्जनों गंभीर रूप से घायल हो गए। आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मारकर इस हमले को अंजाम दिया।

लोकसभा चुनाव की तैयारियां चल रही थीं, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक रैली उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में थी। काफी देर तक जब प्रधानमंत्री नहीं पहुंचे तो लोग निराश होने लगे। फिर पता चला कि वे किन्हीं कारणों से नहीं आ पा रहे हैं और उन्होंने मोबाइल से ही सभा को संबोधित किया।


सिर्फ 36 फीसद भारतीय अमेरिकियों की नजर में ‘भारत सही रास्ते पर’: सर्वे


इस बीच पुलवामा कांड हो चुका था। फिर घटनाक्रम इस तरह सामने आया कि प्रधानमंत्री किसी काम से उत्तराखंड में ही मौजूद मशहूर कार्बेट नेशनल पार्क आए थे। उन्हें वहां पुलवामा कांड की सूचना मिलने में काफी कठिनाई हुई, क्योंकि मोबाइल नेटवर्क नहीं था या संपर्क कर पाना मुश्किल हो गया।

इस केस को लेकर काफी सियासी उतार चढ़ाव सामने आ चुके हैं। विपक्षी दल ने पुलवामा केस के दिन प्रधानमंत्री के गैर राजनीतिक भ्रमण की आलाेचना की। केस में मारे गए जवानों को शहीद का दर्जा देने, उनके परिवार को मुआवजा और अन्य सहायता देने को लेकर भी सियासत चलती रही।


जानिए, कैसे इस आंदोलन से शुरू हुआ नरेंद्र मोदी का राजनीतिक कॅरियर और बने प्रधानमंत्री


आतंकियों के पास इतना विस्फोटक कैसे आया? इस बीच जैश ए मुहम्मद नाम के आतंकी संगठन का भी नाम चर्चा में आया और पाकिस्तान की ओर से स्वीकारोक्ति होने पर भी चुनावी राजनीति हुई है।

बहरहाल ये जख्म अभी भरा नहीं है और न ही सियासत का दौर खत्म हुआ है। निश्चत ही युवाओं को भी इस दिन की यादगार कचोटती रहेगी।


जब देश की संसद में चर्चा न हो तो जनता को बुलानी चाहिए अपनी संसद : प्रशांत भूषण


14 फरवरी को हुई कुछ प्रमुख घटनाएं

1537- गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह की पुर्तगालियों से बचकर भागने के दौरान डूबने से मौत।

1556- पंजाब के गुरुदासपुर जिले के कलानौर में मात्र 13 वर्ष की आयु में अकबर को मुगल सम्राट बनाया गया।

1876- अलैक्जैंडर ग्राहम बेल ने टेलिफोन के पेटेंट के लिए आवेदन किया।

1939- बंबई (अब मुंबई) के तत्कालीन प्रशासन ने शहर में शराबबंदी का प्रस्ताव रखा।

1952- भाजपा की दिवंगत नेता सुषमा स्वराज का जन्म दिवस

1974- रूसी लेखक अलैक्जैंडर सोल्जेंत्सिन को देश निकाले के एक दिन बाद उनपर देशद्रोह का आरोप लगा।

1989- ईरान के धार्मिक नेता आयतुल्लाह खुमैनी ने भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रूश्दी की किताब ‘सेटेनिक वर्सेज’ को ईशनिंदा करार देते हुए रूश्दी के खिलाफ फतवा जारी किया और उनकी जान लेने वाले को इनाम देने का ऐलान किया।

1990- इंडियन एयरलाइंस का एक विमान बेंगलुरु में एक गोल्फ कोर्स पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ। पायलट को विमान का रनवे पहचानने में भूल हुई। विमान में सवार 146 लोगों में से 97 की मौत।

2005- स्टीव चेन, चाड हर्ली और जावेद करीम ने ‘यू ट्यूब’ पंजीकृत कराया, आज हर महीने तकरीबन अरबों लोग इसका इस्तेमाल करते हैं।

2005: लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री रफीक हरीरी की बेरूत में एक कार बम विस्फोट में मौत।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here