‘अल्लाह से दुआ करती हूं कि अब दोबारा इंसानों की शक्ल न दिखाए.’ आयशा! बिल्कुल ठीक कहा. इंसान है ही इतना फितरती. फरेब, बेईमान, हिंसा और औरतों पर राज करने की भस भरे किरदार वाला. अब देखो. तुम्हारे साबरमती में कूदकर जान देते ही, पूरे कुनबे में बेचैनी रिस आई है. बड़ा तरस खा रहे हैं, तुम्हारी उस वीडियो वाली सूरत पर. वो भी, जो दहेज की खातिर बीवियों पर हर रोज जुल्म ढाते हैं. खैर, तुम्हें सुसाइड नहीं करनी चाहिए था. (Ayesha Born Die battle)
पूछा ना किसी ने भी मेरे दिल का हाल,
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अब शहर भर में ज़िक्र मेरी ख़ुदकुशी का है.!
😔😪😔😓#आयशा— Shweta patwa (@shwetapatwa_) March 2, 2021
तुमने कहा था कि ‘मेरे पीठ पीछे जो भी हो, प्लीज ज्यादा बखेड़ा मत करना.’ लेकिन यहां तो सोशल मीडिया पर बवंडर खड़ा है. कुछ लोग हैं, जो तुम्हारे इस तरह मौत को गले लगाने को कतई अच्छा नहीं मानते हैं. मैं भी नहीं. तुम्हें डटकर लड़ना चाहिए था. तुम्हारे कहे अनुसार बेशक, ‘आयशा लड़ाईयों के लिए नहीं बनी है’. लेकिन कोई आयशा इस तरह मरने के लिए भी पैदा नहीं होती है.
तलाक भी ले सकती थी
खुदखुशी कर के अच्छा नहीं किया— Javed Shaikh (@Java_Different) March 1, 2021
तुम्हें पता है, जिस कथित दहेज प्रताड़ना से तंग आकर तुम साबरमती नदी में समां गईं. उस जुल्म की आग में देश की करीब 13,264 और आयशाएं 2019 से तप रही हैं. साल दर साल ये आंकड़ा बदलता रहता है. हालात नहीं. तुम चाहती तों महिलाओं पर जुल्म के किस्सें पढ़ सकती थीं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की वेबसाइट पर सब कुछ दर्ज है. मुझे लगता है कि अगर तुम पढ़तीं तो यकीनन तुम्हें हिम्मत मिलती. कम से कम उस कमजर्फ आरिफ से लड़ने की, जिसके जुल्म में तुम फना हो गईं.
https://twitter.com/Salmairam/status/1365918749430226945?s=20
एनसीआरबी की साल 2019 की रिपोर्ट बताती है कि देश में 4,05,861 महिला अपराध के मामले दर्ज हुए हैं. इसमें 32,264 मामले तो रेप के हैं. जानकर हैरत होगी कि इसमें 28,799 रेप के आरोपी पीड़ित महिलाओं-लड़कियों के पहचान के हैं. मसलन, कोई रिश्तेदार है, पड़ोसी-चाचा, ताऊ और भाई. मगर ये सब लड़ रही हैं, न. (Ayesha Born Die battle)
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अब, हाथरस केस ही देख लीजिए. सोमवार को यौन उत्पीड़न के एक आरोपी ने लड़की के पिता की गोली मारकर हत्या कर दी. मंगलवार को वो लड़की, हाथरस पुलिस स्टेशन के बाहर इंसाफ मांगने खड़ी थी. तुम भी अदालत जातीं. जैसे हजारों और लड़कियां हर रोज, कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रही हैं.
सुसाइड से पहले जारी किया था लाइव वीडियो
अहमदाबाद की 23 साल की आयशा ने 26 फरवरी को साबरमती नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली थी. 2018 में उनकी शादी आरिफ खान से हुई थी. आरोप है कि आरिफ ने दहेज की मांग की खातिर आयशा को घर से बेदखल कर दिया था. इसी से टूटकर आयशा ने अपनी जान गवां दी. सोशल मीडिया पर आयशा ने आत्महत्या से पहले लाइव वीडियो जारी किया था, जिसको लेकर लोगों में जबरदस्त आक्रोश है.
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दहेज प्रथा पर पाकिस्तानी फोटो से असर नहीं
हाल ही में पाकिस्तानी मॉडल ने एक तस्वीर जारी की थी. जिसमें, औरत बुग्गी लेकर चल रही थी. और शौहर दहेज के साथ बुग्गी पर सवार था. दहेज प्रथा को बयां करती इस तस्वीर पर भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में खूब चर्चा हुई. जैसे, आज आयशा की मौत पर हो रही है. लेकिन दहेज को लेकर लोगों की मानसिकता पर कोई असर नहीं दिखा. आयशा की मौत इसका प्रमाण है.
आयशा के पिता के लियाकत मकरानी कहते हैं कि आयशा वापस नहीं आएगी. मैं जानता हूं. समाज से एक अपील करते हैं-हिंदू-मुस्लिम के झगड़े बहुत कर लिए. अब बेटियों के लिए लड़िए. फिर कोई आयशा इस तरह हमसे जुदा न हो पाए. वो तमाम बेटियां मेरी आयशा हैं, जिन्हें दहेज का दानव निगलने को आतुर है. उन्हें बचा लीजिए. (Ayesha Born Die battle)