असंसदीय शब्द 2021: संसद के लिए जारी की गई नई शब्दावली, विपक्ष ने किया कड़ा विरोध

असंसदीय शब्द 2021: लोकसभा सचिवालय के द्वारा संसदीय शब्दों की एक सूची तैयार की गई है, जिसका प्रयोग संसद में गलत माना जाएगा। सूची का नाम “असंसदीय शब्द 2021” दिया गया है। इसके अनुसार जुमलाजीवी, घड़ियाली आंसू, लॉलीपॉप, गद्दार, , जयचंद, भ्रष्ट ,शकुनी जैसे कई शब्दों और मुहावरों पर रोक लगा दी गई है।
इन शब्दों की लिस्ट बनाकर सभी सांसदों को भेजी गई है। यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि इस नई लिस्ट में ऐसे शब्द सबसे ज्यादा हैं जो छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभाओं की कार्यवाही से हटाए गए हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकार है।
इससे कुछ दिन पहले मध्यप्रदेश में भी 1500 ऐसे शब्दों की सूची बनाई गई थी लेकिन उसका कोई खास असर विधानसभा के अंदर देखने को नहीं मिला ।जबकि इन शब्दों का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है।
इस लिस्ट पर विपक्ष जमकर हंगामा कर रहे हैं। उनका कहना है इस लिस्ट में ऐसे शब्दों को शामिल करके उनका बोलने का हक छीना जा रहा है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ट्वीट करते हुए लिखते हैं-
मोदी सरकार की असलियत बताने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्दों को अब आज संसदीय माना जाएगा। अब आगे क्या विशगुरु?

 

इसी के साथ टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ट्वीट करके लिखते हैं” कि मैं इन शब्दों का इस्तेमाल करूंगा ।आप मुझे निलंबित कर दीजिए। कुछ ही दिनों में संसद का सत्र शुरू होने वाला है ।सांसदों पर पाबंदी लगाने वाला आदेश जारी किया गया ।अब हमें संसद में भाषण देते समय इन बुनियादी शब्दों का उपयोग करने की अनुमति नहीं है। शर्म आनी चाहिए। दुर्व्यवहार किया ,धोखा दिया ,भ्रष्ट, पाखंड, अक्षम शब्दों का इस्तेमाल करूंगा। लोकतंत्र के लिए लड़ाई लडूंगा।”

 

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी लिखती हैं,” की वो मीम याद आ गया है की हम करें तो करें क्या? बोले तो बोले क्या? सिर्फ वाह मोदी जी वाह।”

इसी के साथ विपक्षियों की तरफ से विरोध बढ़ता जा रहा है।
लोकसभा सचिवालय समय-समय पर ऐसे शब्दों को आज संसदीय शब्दों की सूची में शामिल करता है जीने लोकसभा राज्यसभा या राज्य विधानसभा और विधान परिषद द्वारा संसदीय शब्द बताकर कार्रवाई से हटा दिया जाता है.इनमें कॉमनवेल्थ सांसदों में घोषित किए और संसदीय शब्द भी शामिल होते हैं।
नीचे मैं सभी शब्द दिए गए हैं जो सूची में शामिल है-

‘अक्षम’, ‘भ्रामक’, ‘झूठ’, ‘असत्य’ , ‘अराजकतावादी’, ‘गदर’, ‘गिरगिट’, ‘गुंडे’, ‘घड़ियाली आंसू’, ‘अपमान’, ‘असत्य’, ‘अहंकार’, ‘भ्रष्ट’, ‘काला दिन’, ‘काला बाजारी’, ‘खरीद’ फरोख्त’, ‘दंगा’, ‘दलाल’, ‘दादागिरी’, ‘दोहरा चरित्र’, ‘बेचारा’, ‘बॉबकट’, ‘लॉलीपॉप’, ‘विश्वासघाट’, ‘संवेदनहीन’, ‘मूर्ख’ और ‘बहरी’ सरकार”खूनी’, ‘धोखा’, ‘शर्मिंदा’, ‘दुर्व्यवहार’, ‘धोखा’, ‘चमचा’, ‘चमचागिरी’, ‘चेला’, ‘बचकाना’, ‘भ्रष्ट’, ‘कायर’, ‘अपराधी’ और ‘मगरमच्छ के आँसू’, ‘गधा’, ‘नाटक’, ‘चश्मदीद’, ‘धोखा’, ‘गुंडागर्दी’, ‘पाखंड

 

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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