जून-जुलाई तक आएगा नया टैरिफ प्लान : 10 साल में 7 बार महंगी हुई बिजली

द लीडर। उत्तर प्रदेश में बिजली दर बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। बिजली कंपनियों से नियामक आयोग ने टैरिफ प्लान भी मांगा है। इसके लिए 10 दिन का समय दिया गया है। 12 अप्रैल तक यह प्लान देना है। नियामक आयोग ने अगर इसको मंजूर कर लिया तो प्लान आने के 120 दिन के अंदर नया टैरिफ लागू करना होता है।

ऐसे में जुलाई तक प्रदेश में बढ़ी हुई बिजली दरें लागू हो सकती हैं। कंपनियों ने इसके पीछे दलील दी है कि खर्च और आमदनी में करीब 6700 करोड़ रुपए का गैप है। ऐसे में इसके लिए बिजली दरों को बढ़ाना जरूरी है। प्रदेश में पिछले तीन साल से बिजली दर नहीं बढ़ी है। एक तरफ जहां नियामक आयोग और कपंनियां दर बढ़ाने के लिए लग गई हैं।


यह भी पढ़ें: शिवसेना नेता संजय राउत के खिलाफ ED का बड़ा एक्शन, करोड़ों की प्रॉपर्टी हुई अटैच

दूसरी तरफ उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि, उपभोक्ताओं का कपंनियों पर 20 हजार 500 करोड़ रुपए निकल रहे हैं। ऐसे में बिजली दर बढ़ाने की बजाए उसको घटाया जा सकता है। पिछले साल भी आयोग में जब बिजली दर बढ़ाने को लेकर सुनवाई हुई थी तो परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने यही दलील दी थी।

हालांकि तब दर तो नहीं बढ़ी थी लेकिन उसको कम भी नहीं किया गया । लेकिन जानकारों का कहना है कि, इस बार बिजली दर निश्चित तौर पर बढ़ेगा। सरकार की मंशा भी यही है। यहां तक की आने वाले दिनों में बिजली को निजी हाथों में देने की तैयारी भी शुरू होने वाली है।

नियम के खिलाफ होगा दर बढ़ाना

उपभोक्ता परिषद का कहना है कि, जब उपभोक्ता का अतिरिक्त पैसा कंपनियों के पास निकल रहा है तो बिजली दर बढ़ाना नियम के खिलाफ होगा। मौजूदा समय देश के किसी भी राज्य में ऐसा कोई आदेश नहीं है।

वर्तमान में रेगुलेटरी कानून और एमवाईटी रेगुलेशन की किसी भी व्यवस्था में किसी भी राज्य में ऐसा कोई कानून नहीं है कि, जब उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर सर प्लस पैसा निकल रहा हो दरों में बढोतरी की जाए।

उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में याचिका दाखिल कर रखी है। उस पर पावर कारपोरेशन से जवाब तलब किया है। जिस पर अभी तक पावर कॉर्पोरेशन ने कोई जवाब दाखिल नहीं किया है।

तीन करोड़ उपभोक्ताओं पर पड़ेगा असर

प्रदेश में कुल उपभोक्ताओं की संख्या करीब 3 करोड़ है। इसमें घरेलू और कमर्शल उपभोक्ताओं की संख्या करीब 2.70 करोड़ है। उसके अलावा सरकारी, सिंचाई और बिजली विभाग में कार्यरत खुद के कर्मचारी है। अगर बिजली दर बढ़ता है तो प्रदेश के 2.70 करोड़ परिवार पर इसका सीधा असर पड़ेगा।

उत्तर प्रदेश में पिछले साल में 7 बार बिजली दर बढ़ चुके हैं। ऐसे में दस साल में बिजली दोगुनी से भी ज्यादा महंगी हो चुकी है। सपा सरकार में जहां 5 साल लगातार बिजली दर में बढ़ोतरी हुई थी।


यह भी पढ़ें:  देश में अगर मुसलमान सबसे खराब दौर से गुजर रहा है तो वह पाकिस्तान या अन्य देश में चले जाए : भाजपा सांसद की AIMPLB के सदस्य को नसीहत

 

indra yadav

Related Posts

गांजा और भांग पर बोले अफजाल अंसारी, भगवान की बूटी है, तो अवैध क्यों?

द लीडर हिंदी: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से सपा सांसद अफजाल अंसारी ने गांजा और भांग को लेकर बड़ा बयान दिया है. अफ़ज़ाल ने कहा कि लोग धार्मिक स्थलों पर…

मुश्किल में फंसे अयोध्या सपा सासंद के बेटे , मारपीट करने और धमकाने का लगा आरोप, केस दर्ज

द लीडर हिंदी: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी और अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे और मिल्कीपुर से सपा उम्मीदवार अजीत प्रसाद पर मारपीट करने…