मुनव्वर फारूकी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी जेल से रिहाई के लिए कई पापड़ बेलने पड़े. कल देर रात 11 बजे उन्हें इंदौर जेल से रिहा किया गया. (Munawar Farooqui Released)
इंदौर जेल प्रशासन ने रिहाई में हुई देरी की वजह उत्तर प्रदेश में मुनव्वर पर दर्ज हुए एक अन्य केस को बताया. जेल प्रशासन ने प्रयागराज की अदालत द्वारा जारी पेशी वारंट का हवाला देते हुए कॉमेडियन फारूकी को रिहा करने से इनकार कर दिया था. दरअसल उत्तर प्रदेश के जॉर्ज टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रोडक्शन वारंट पर रोक लगा दी गयी थी.
सर्वोच्च न्यायलय के मुनव्वर की रिहाई के आदेश के एक दिन बाद इंदौर जेल के अधिकारियों ने ये कहते हुए रिहाई से इन्कार कर दिया कि उनके पास इलाहाबाद की कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट पर रोक लगाये जाने की कोई जानकारी नहीं मिली है.
खबरों के मुताबिक मुनव्वर फारूकी की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को इंदौर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को फोन तक करना पड़ा. उच्चतम न्यायालय के जज ने इंदौर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को शनिवार रात फोन कर सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर मुनव्वर फारूकी के प्रोडक्शन वारंट पर लगायी गयी रोक और अंतरिम जमानत का आर्डर चेक करने के लिए कहा. इसके बाद मुनव्वर फारूकी को रिहा किया गया.
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1 जनवरी को इंदौर के एक कॉमेडी शो में पुलिस ने मुंबई के इस युवा कॉमेडियन को गिरफ्तार कर लिया था. कुछ स्थानीय ‘हिंदुत्ववादी’ नेताओं ने उन पर हिंदू देवी, देवताओं का माखौल बनाने का आरोप लगते हुए हंगामा खड़ा कर दिया था. भाजपा विधायक मालिनी गौर के बेटे एकलव्य गौर की शिकायत पर फारूकी और 4 अन्य लोगों को इस शो से ही गिरफ्तार कर लिया गया था. फारूकी के साथ एडविन एंटनी, नलिन यादव, प्रकाश व्यास और प्रीतम व्यास को गिरफ्तार किया गया. मामले की जांच करते हुए पुलिस ने कहा था कि इस मामले में देवी-देवताओं के अपमान वाला कोई वीडियो नहीं मिला है. (Munawar Farooqui Released)
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