MP : इंदौर के मुस्लिम परिवार पर भीड़ का हमला-पांच घायल, गांव छोड़ने की मिली थी धमकी

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MP Muslim Family Attacked
इंदौर के कंपल पेवड़ा गांव में मुस्लिम परिवार पर हमला.

द लीडर : मध्यप्रदेश में एक बार फिर मुस्लिम परिवार पर हमले की घटना सामने आई है. इंदौर के कंपल पेवड़ा गांव में एक भीड़ ने परिवार पर हमला कर दिया. लोहे की रॉड से पिटाई की. इसमें पांच लोग जख्मी हुए हैं. जिन्हें एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पीड़ित परिवार का आरोप है कि हिंदूवादी संगठनों ने गांव खाली करने की धमकी दी थी. गांव न छोड़ने पर ही ये हमला किया है. आरोप ये भी है कि पुलिस एफआइआर दर्ज करने को भी तैयार नहीं. (MP Muslim Family Attacked)

गांव में यही एकमात्र मुस्लिम परिवार है. जो लोहे का काम करता है. परिवार के सदस्य शाहरूख वारसी के मुताबिक, हम लोग काम कर रहे थे. अचानक 100-150 की भीड़ आ गई. और मारपीट करने लगी. औरतों पर को भी नहीं बख्शा.

 

इस घटना को लेकर मुस्लिम एक्टिविस्ट और सामाजिक संगठनों में आक्रोश है. और वे शिवराज सरकार में अल्पसंख्यकों पर सिलसिलेवार हमलों की निंदा कर रहे हैं. सुप्रीमकोर्ट के अधिवक्ता एहतेशाम हाश्मी पीड़ित परिवार की कानूनी पैरवी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि घटना के बाद जब वह गांव पहुंचे तो पुलिस बल तैनात था. यानी स्थानीय प्रशासन ने हमले के बाद उनके घर को सुरक्षा दे दी है.

मध्यप्रदेश में अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं. बीते अगस्त महीने से इसमें तेजी आई है. अगस्त में इंदौर में ही फेरी लगाकर चूड़ियां बेचने वाले तस्लीम को भीड़ ने घेरकर पीटा था. (MP Muslim Family Attacked)


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इसके बाद इंदौर के देवालपुर के पानी-पूरी (बताशा) वाले इलियास को गांव से भगाया गया. ये कहते हुए कि-’50 तरह का जिहाद फैला रखा है. देश को खत्म कर दिया.’ अल्लाह या फिर चाहें जो नाम रख. लेकिन हमारे भगवान का नाम नहीं. ये घटना इंदौर के हाथरकुंगारा सेंधा की है. दरअसल, इलियास सांवरिया नाम से पानी-पूरी बेचा करते थे.

एक घटना उज्जैन के महिदपुर क्षेत्र में घटी. जहां एक 45 साल के मुस्लिम कबाड़ी को कुछ युवकों ने घेर लिया था. उनसे जबरिया जय श्रीराम बुलवाया गया. ये कहते हैं कि हमारे गांव से कमाकर कैसे ले जा रहा है.(MP Muslim Family Attacked)

 

इसके बाद देवास जिले के जहीर, जोकि गांवों में फेरी लगाकर तोसा और जीरा बेचने का काम करते हैं. दो युवकों ने उनका आधार कार्ड मांगकर पिटाई की. राज्य में असंगठित क्षेत्र के मुस्लिम कामकाजी, धर्म के आधार पर नफरत का शिकार बन रहे हैं. और अब घरों पर हमले होने लग गए.

शिवराज सिंह चौहान, चौथी मर्तबा राज्य के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उनके तीनों कार्यकालों में इस तरह की घटनाएं आम नहीं हुईं. लेकिन चौथी बार, जब से सीएम बने हैं, लगातार अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसक और नफरत की घटनाएं सामने आ रही हैं. (MP Muslim Family Attacked)


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खास बात ये है कि इन घटनाओं को लेकर पुलिस और प्रशासन का रवैया भी हैरान करने वाला है. आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न होने के कारण ही मामले बढ़ते जा रहे हैं.

दूसरा-इंदौर में जिस तरह से तस्लीम को पीटने वाले आरोपियों के बचाव में भारी भीड़ सड़कों पर उतरी थी. वो समाज के बिगड़ने तानेबाने की एक स्याह तस्वीर है. जिसमें धर्म के नाम पर हिंसा-नफरत को संरक्षण देने का वायरस शामिल नजर आता है.

एमपी के ही नीमच में एक आदिवासी कन्हैया लाल को गाड़ी में बांधकर घसीटा गया. जिससे उनकी मौत हो गई. कानून व्यवस्था का ये हश्र पर शासन की चुप्पी कई सवाल खड़े करती हैं. प्रश्न ये भी है कि, क्या मध्य प्रदेश में मुसलमानों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर एक प्लानिंग के तहत निशाना बनाया जा रहा है? (MP Muslim Family Attacked)

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